संसद में I.N.D.I.A. अविश्वास प्रस्ताव ला सकता है 
जब अंग्रेज भारत में आए उस समय हमारे देश को हिन्दुस्तान कहा जाता था। हालांकि ये शब्द बोलने में उन्हें परेशानी होती थी।जब अंग्रेजों को पता चला कि भारत की सभ्यता सिंधु घाटी है जिसे ‘Indus Valley’ वैली भी कहा जाता है, इस शब्द को लैटिन भाषा में INDIA कहा जाता है तो अंग्रेजों ने भारत को ‘INDIA’ कहना शुरू कर दिया।
- मोदी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव ला सकता है विपक्ष
- लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस दे सकता विपक्ष
- ‘इंडिया’ गठबंधन में शामिल दलों की बैठक में लिया गया फैसला
सारिका तीवारी, डेमोक्रेटिक फ्रंट, चंडीगढ़/नयी दिल्ली – 25 जुलाई :
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार (25 जुलाई, 2023) को भाजपा के संसदीय दल को संबोधित करने के दौरान विपक्ष के नए गठबंधन पर भी जम कर हमला बोला। बता दें कि विपक्ष ने यूपीए को अलविदा कहते हुए अपने गठबंधन का नाम ‘I.N.D.I.A’ रखा है, जिसे ‘इंडिया’ कह कर प्रचारित किया गया। अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने याद दिलाया है कि आतंकी संगठन ‘इंडियन मुजाहिदीन’ और आक्रांता अंग्रेजों की ‘ईस्ट इंडिया कंपनी’ के नाम में भी तो इंडिया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा विपक्षी गठबंधन ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस’ (I.N.D.I.A.) पर निशाना साधे जाने के बाद कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने उन पर पलटवार किया है। राहुल गांधी ने मंगलवार को कहा कि प्रधानमंत्री इस गठबंधन को लेकर कुछ भी कहें, लेकिन हम ‘I.N.D.I.A’ है, जो मणिपुर को मरहम लगाने और हर महिला तथा बच्चे के आंसू पोंछने में मदद करेगा। कांग्रेस नेता ने यह भी कहा कि यह विपक्षी गठबंधन मणिपुर में भारत की अवधारणा का पुनर्निर्माण करेगा।
दरअसल प्रधानमंत्री मोदी ने मंगलवार को विपक्षी गठबंधन ‘I.N.D.I.A.’ को देश का अब तक का सबसे ‘दिशाहीन’ गठबंधन करार दिया और ईस्ट इंडिया कंपनी तथा इंडियन मुजाहिदीन जैसे नामों का हवाला देते हुए कहा कि केवल देश के नाम के इस्तेमाल से लोगों को गुमराह नहीं किया जा सकता।
भारतीय राष्ट्रीय विकासात्मक समावेशी गठबंधन ‘I.N.D.I.A.’ में शामिल कुछ विपक्षी दल लोकसभा में मोदी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस ला सकते हैं। मंगलवार सुबह ‘I.N.D.I.A.’ के घटक दलों की बैठक में नोटिस सौंपने के प्रस्ताव पर चर्चा की गई।
दरअसल, संसदीय प्रणाली में नियम 198 के तहत यह व्यवस्था दी गई है कोई भी सांसद सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस लोकसभा अध्यक्ष के दे सकता है। ठीक ऐसी ही व्यवस्था राज्यों में मामले में विधानसभा में की गई है। केंद्र या राज्य सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पास होने का मतलब है कि अब मंत्री परिषद ने सदन में अपना विश्वास खो दिया है। सदन में बहुमत उसके पक्ष में नहीं है। ऐसी स्थिति में सरकार गिर जाती है। प्रधानमंत्री या मुख्यमंत्री समेत पूरी कैबिनेट को इस्तीफा देना पड़ता है।
सूत्रों ने कहा कि संघर्षग्रस्त मणिपुर की स्थिति पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को संसद में बोलने के लिए मजबूर करने के विभिन्न विकल्पों पर विचार करने के बाद यह निर्णय लिया गया कि सरकार को इस मुद्दे पर चर्चा शुरू करने के लिए मजबूर करने का यह एक प्रभावी तरीका होगा। सूत्रों ने कहा कि मणिपुर पर सरकार को घेरने की विपक्ष की रणनीति राज्यसभा में भी जारी रहेगी।
बता दें, 20 जुलाई से शुरू हुए संसद के मानसून सत्र के पहले मणिपुर का एक वीडियो वायरल हुआ, जिसमें दो महिलाओं को निर्वस्त्र कर घुमाया जा रहा है। इस वीडियो के सामने आने के बाद संसद के दोनों सदनों (लोकसभा और राज्यसभा) में विपक्षी दलों ने जमकर हंगामा किया।
विपक्ष पीएम मोदी से मणिपुर पर सदन में जवाब देने की मांग पर अड़ा है, जबकि सरकार का कहना है कि वह मणिपुर पर चर्चा के लिए तैयार है, लेकिन विपक्ष चर्चा नहीं करने दे रहा है। सत्र का तीन दिन हंगामे की भेंट चढ़ गया।