पंचांग, 18 जुलाई 2023

पंचांग का पठन एवं श्रवण अति शुभ माना जाता है। माना जाता है कि भगवान श्रीराम भी पंचांग का श्रवण करते थे। शास्त्र कहते हैं कि तिथि के पठन और श्रवण से मां लक्ष्मी की कृपा मिलती है। तिथि का क्या महत्व है और किस तिथि में कौन से कार्य करान चाहिए या नहीं यह जानने से लाभ मिलता ह। पंचांग मुख्यतः पाँच भागों से बना है। ये पांच भाग हैं: तिथि, नक्षत्र, वार, योग और करण। यहां दैनिक पंचांग में आपको शुभ समय, राहुकाल, सूर्योदय और सूर्यास्त का समय, तिथि, करण, नक्षत्र, सूर्य और चंद्र ग्रह की स्थिति, हिंदू माह और पहलू आदि के बारे में जानकारी मिलती है।

डेमोक्रेटिक फ्रंट, आध्यात्मिक डेस्क – राशिफल, 18 जुलाई 2023 :

Adhik Maas 2023: Read to know all important details
श्रावण मास अधिक मलमास यानी पुरूषोत्तम मा

नोटः आज से श्रावण मास अधिक मलमास यानी पुरूषोत्तम मास प्रारम्भ हो रहा है। सावन में अधिक मास का संयोग पूरे 19 साल बाद बन रहा है. इसे मलमास या पुरुषोत्तम मास भी कहते हैं। मलमास तीन साल के बाद बनने वाली तिथियों के योग से बनता है। अधिक मास में मांगलिक कार्य तो वर्जित रहते हैं, लेकिन भगवान की आराधना, जप-तप, तीर्थ यात्रा करने से ईश्वर की कृपा प्राप्त होती है।

विक्रमी संवत्ः 2080, 

शक संवत्ः 1945, 

मासः श्रावण (अधिक प्रथम), 

पक्षः शुक्ल पक्ष, 

तिथिः प्रतिपदा रात्रि काल 02.10 तक है, 

वारः मंगलवार। 

विशेषः आज उत्तर दिशा की यात्रा न करें। अति आवश्यक होने पर मंगलवार को धनिया खाकर, लाल चंदन,मलयागिरि चंदन का दानकर यात्रा करें।

नक्षत्रः पुष्य (की वृद्धि है जो कि बुधवार को  प्रातः काल 07.58 तक है), 

योगः हर्षित प्रातः काल 09.36 तक, 

करणः किंस्तुघ्न, 

सूर्य राशिः कर्क, चंद्र राशिः कर्क, 

राहु कालः अपराहन् 3.00 से 4.30 बजे तक, 

सूर्योदयः 05.39, सूर्यास्तः 07.16 बजे।