Friday, July 11

डेमोक्रेटिक फ्रन्ट, पंचकुला – 06     जून   :

 पूर्व डिप्टी सीएम चन्द्रमोहन ने कहा अनाज मंडी में सूरजमुखी की आवक लगातार बढ़ रही है, लेकिन 1 जून से शुरू होने वाली सरकारी खरीद न होने से किसानों की परेशानी बढ़ गई है। वहीं दूसरी ओर सूरजमुखी की फसल को सरकार भावांतर योजना के अंतर्गत करने से किसानों में मायूसी छा गई है।

चन्द्रमोहन ने बताया कि इस वर्ष सरकार ने सूरजमुखी का समर्थन मूल्य 6400 रुपए निर्धारित किया हुआ है। लेकिन प्राइवेट खरीददार सूरजमुखी की फसल को 4500 रुपए प्रति क्विंटल के हिसाब से खरीद रहे है।

जिससे किसान को प्रति क्विंटल 2000 रुपए का नुकसान हो रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार पहले तो एक जून से सूरजमुखी की फसल को खरीदने के दावे करती आ रही थी। जिसके चलते किसान अपनी फसल को सुखा कर घर ले गए।

अब सरकार ऐन मौके पर सूरजमुखी को भावांतर योजना में शामिल कर किसानों को 1000 हजार रुपए सीधे खाते में देने की बात कर रही है। उन्होंने चेतावनी दी कि सरकार सीधे तौर पर एजेंसियों के द्वारा सूरजमुखी की खरीद कराए, नहीं तो किसान आंदोलन से पीछे नहीं हटेंगे।

चन्द्रमोहन ने कहा कि धान, सरसों और गेहूं के बाद अब सूरजमुखी की फसल बेचने के लिए किसान को भारी परेशानी व दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा हैं।

सरकार न किसानों को एमएसपी दे रही है और न ही मुआवजा।

भाई चन्द्रमोहन ने कहा कि सरकार सूरजमुखी को एमएसपी पर खरीद करने से मुकर रही है। किसानों की फसल मंडियों में खराब हो रही है।

पिछले दिनों हुई बारिश से पूरे प्रदेश में 17 लाख एकड़ से ज्यादा की फसल खराब हुई थी, लेकिन सरकार ने लगभग 3 लाख एकड़ फसल का ही मुआवजा दिया, वह भी नाममात्र।