Panchang

पंचांग, 03 जून 2023

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार किसी भी व्यक्ति के बारे में जानने के लिए उसकी राशि ही काफी होती है। राशि से उस या अमूक व्यक्ति के स्वभाव और भविष्य के बारे में जानना आसान हो जाता है। इतना ही नहीं, ग्रह दशा को अपने विचारों को सकारात्मक रखें, क्योंकि आपको ‘डर’ नाम के दानव का सामना करना पड़ सकता है। नहीं तो आप निष्क्रिय होकर इसका शिकार हो सकते हैं। आपका कोई पुराना मित्र आज कारोबार में मुनाफा कमाने के लिए आपको सलाह दे सकता है, अगर इस सलाह पर आप अमल करते हैं तो आपको धन लाभ जरुर होगा। घरेलू मामलों पर तुरंत ध्यान देने की ज़रूरत है। आपकी ओर से की गयी लापरावाही महंगी साबित हो सकती है। आपके प्रिय/जीवनसाथी का फ़ोन आपका दिन बना देगा।

डेमोक्रेटिक फ्रंट, आध्यात्मिक डेस्क – पंचांग, 03 जून 2023 :

नोटः आज वटसावित्री व्रत तथा श्रीसत्यनारायण व्रत है।

Shri Satyanarayan Bhagwan ki Katha - श्री सत्यनारायण भगवान की व्रत कथा
श्रीसत्यनारायण व्रत

श्रीसत्यनारायण व्रत : शास्त्रों के अनुसार सत्य को ईश्वर मानकर, निष्ठा के साथ समाज के किसी भी वर्ग का व्यक्ति यदि इस व्रत व कथा का श्रवण करता है, तो उसे इससे निश्चित ही मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है। शास्त्रों में कहा गया है कि सत्यनारायण कथा कराने से हजारों साल तक किए गए यज्ञ के बराबर फल मिलता है। साथ ही सत्यनारायण कथा सुनने को भी सौभाग्य की बात माना गया है। आमतौर पर देखा जाता है किसी भी शुभ काम से पहले या मनोकामनाएं पूरी होने पर सत्यनारायण व्रत की कथा सुनी जाती है। 

सावित्री ने पति के लिए 3 दिनों तक व्रत रखा इसलिए वट सावित्री व्रत की शुरुआत  आज से लेकिन पूजा 10 को होगी | Vat Savitri Vrat 2021 | Vat Savitri Vrat
वटसावित्री व्रत

वटसावित्री व्रत : वट वृक्ष की जड़ में जल डालें, फूल-धूप और मिठाई से पूजा करें। कच्चा सूत लेकर वट वृक्ष की परिक्रमा करते जाएं, सूत तने में लपेटते जाएं। उसके बाद 7 बार परिक्रमा करें, हाथ में भीगा चना लेकर सावित्री सत्यवान की कथा सुनें। फिर भीगा चना, कुछ धन और वस्त्र अपनी सास को देकर उनका आशीर्वाद लें।

विक्रमी संवत्ः 2080, 

शक संवत्ः 1945, 

मासः ज्येष्ठ, 

पक्षः शुक्ल पक्ष, 

तिथिः चतुर्दशी प्रातः काल 11.17 तक है, 

वारः शनिवार।

विशेषः आज पूर्व दिशा की यात्रा न करें। शनिवार को देशी घी,गुड़, सरसों का तेल का दानदेकर यात्रा करें।

 नक्षत्रः विशाखा प्रातः 06.16 तक है, 

योगः शिव दोपहर काल 02.47 तक, 

करणः वणिज, 

सूर्य राशिः वृष, चंद्र राशिः वृश्चिक,

राहु कालः प्रातः 9.00 बजे से प्रातः 10.30 तक,

सूर्योदयः 05.27, सूर्यास्तः 07.12 बजे।