बारिश में भीगा करोड़ों का गेहूं, खराब गेहूं को भरा जा रहा है अब सरकारी कट्टों में 

  • अधिकारियों की सेटिंग से खराब गेहूं का भी हो रहा है भंडारण

उकलाना 4 मई जगदीश असीजा: नई अनाज मंडी में जहां गेहूं के बड़े-बड़े ढेर लगे हुए हैं वही विगत 3 दिनों से चल रही बारिश मे गेंहू भीग चुका है उस उपरांत जो गेहूं सड़ चुका है उस सड़े हुए गेहूं को अत्याधिक मात्रा में सरकारी कट्टों में भरकर भेजा जा रहा है जबकि अब ना तो कोई खरीद एजेंसी इसकी सत्यता की जांच कर रही है कि कितनी नमी है या कितनी साफ है या खराब है क्योंकि आढ़तियों द्वारा गेहूं के ढेर किसानों के माध्यम से लगवा दिए गए और अब बारिश होने के बाद गेहूं के ढेर का नीचे का गेहूं सड़ चुका है । अनाज मंडी में जिस प्रकार से गेहूं कट्टो में भरा जा रहा है उसमें अत्याधिक खराब है व बिना सफाई के ही भरा जा रहा है हालांकि जब किसान अपनी फसल बेचने आता है तो उसके लिए अनेक प्रकार के नियम होते हैं लेकिन अब ऐसा कोई नियम सामने नहीं आ रहा और धड़ल्ले से खराब हुई गेहूं को भी भरा जा रहा है। सूत्रों की मानें तो सब अधिकारियों की सेटिंग होने के उपरांत अब गेहूं बारिश में भीगने के बाद भी उसकी नमी चेक नहीं हो रही है व जितना भी खराब सड़ा हुआ गेहूं को भी मिक्स करके सरकारी एजेंसियों को भेजा जा रहा है। वहीं सूत्रों ने बताया कि आपसी तालमेल से गोदामों में भी इस गले सड़े गेहूं की जांच नहीं हो रही और आने वाले समय में गरीबों को यही गेहूं खाने को मिलेगा नाम ना छापने की शर्त पर उन्होंने बताया कि इस मामले की गहनता से जांच होनी चाहिए तभी यह मामला उजागर हो पाएगा। 

जब इस विषय में वेयरहाउस के प्रबंधक ओम प्रकाश से बात की गई तो उन्होंने कहा कि हमारे पास गेहूं साफ आ रहा है ना ही कोई गला सड़ा खराब गेहूं मंडी में है और ना हमारी किसी एजेंसी में खरीद हो रही है।

जब इस विषय में  हैफेड प्रबंधक अनिल सिहाग से बात की गई तो उन्होंने कहा एफसीआई की ओर से उठान प्रक्रिया ढीली है  गेहूं खुले में था और बारिश आने से गेहूं खराब हुआ है लेकिन जब एफसीआई में जाता है तो उसकी जांच करके गेहूं को उतारा जाता है। अगर स्थानीय स्तर पर गेहूं का भंडारण होता तो यह गेहूं का उठान हो जाता।

कच्चा आढ़ती एसोसिएशन के प्रधान राजेश बिठमडा ने कहा कि सरकार द्वारा उठान प्रक्रिया ढीली थी जिसमें करोड़ों का सरकारी गेहूं भीग गया था उस उपरांत अब काफी गेहूं खराब भी हुआ है जिससे आढ़तियों को नुकसान हुआ है खराब गेहूं को अलग रखा जा रहा है यह सरकारी कट्टों में नहीं भरा जा रहा।