सुप्रीम कोर्ट ने बंद की जंतर-मंतर वाले पहलवानों की फाइल : ‘FIR हो गई, सुरक्षा मिल गई’

सर्वोच्च न्यायालय में महिला पहलवानों का केस बंद : कोर्ट ने कहा – बृजभूषण पर FIR की मांग पूरी, कोई और मसला हो तो हाईकोर्ट जाएं,  जंतर-मंतर पर बुधवार रात हुई झड़प हुई थी।इसमें रेसलर राकेश यादव का सिर फट गया था।विनेश फोगाट के भाई दुष्यंत भी घायल हुएअब अंदर की बात भी बताएं जैसा कि माना जाता है भारतीय एथलीट्स या यूं कहें कि रेसलर्स के सेलेक्शन में खींच-तान नया नहीं है। ऐसा ही एक वाकया है, जब 2016 में सुशील कुमार और नरसिंह यादव के चयन को लेकर विवाद हो गया। यह मुद्दा भी हरियाणा (सुशील कुमार) बनाम उत्तर प्रदेश (नरसिंह यादव) बना दिया गया। सुशील कुमार ओलंपिक्स मेडलिस्ट रह चुके हैं और वह चाहते थे उनको ओलंपिक्स में भेजा जाए, जबकि कुश्ती संघ नरसिंघ यादव के समर्थन में था। बाद में यह विवाद हाई कोर्ट तक पहुंच गया और नरसिंघ यादव को जीत मिली, लेकिन इससे पहले वह ओलंपिक्स के लिए जा पाते उन्हें डोप टेस्ट में फेल पाया गया। नरसिंघ यादव ने आरोप लगाया था कि सुशील कुमार और हरियाणा कुश्ती संघ ने उनके खाने में कुछ मिला दिया था, हालांकि तब नरसिंह यादव को तत्कालीन CM अखिलेश यादव का साथ मिला था। एक और विवाद वर्ष 2020 का है, जब विनेश फोगाट को अपनी जर्सी पर नेशनल लोगो की जगह अपने स्पॉन्सर्स का लोगो लगाकर रिंग में उतरने के लिए ससपेंड कर दिया गया था। क्योंकि यह ओलंपिक्स नियमों के खिलाफ है और इसके लिए भारतीय ओलंपिक्स संघ को नोटिस थमा दिया गया था। टोक्यो ओलंपिक्स के दौरान भी विनेश फोगाट ने अपनी टीम के अन्य महिला रेसलर्स के साथ रहने से माना कर दिया था, जिसके बाद उन्हें अलग से एकोमोडेट करना पड़ा था. बावजूद इसके विनेश एक भी मेडल नहीं जीत सकीं।

पुलिस और पहलवानों के बीच झड़प की यह फोटो बुधवार देर रात की है।
पुलिस और पहलवानों के बीच झड़प की यह फोटो बुधवार देर रात की है

सारिका तिवारी, डेमोक्रेटिक फ्रन्ट, चंडीगढ़/नई दिल्ली – 04 मई :

भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष बृजभूषण’-मंतर पर धरने पर बैठे पहलवानों की याचिका पर गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस पीएस नरसिम्हा की बेंच के सामने दिल्ली पुलिस ने बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ दर्ज एफआईआर में क्या प्रगति हुई है, इसकी रिपोर्ट दाखिल की. सभी पक्षों की दलीलें सुनने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इस मामले में एफआईआर दर्ज हो गई है। नाबालिग शिकायतकर्ता का बयान दर्ज हो चुका है। याचिका का उद्देश्य एफआईआर था, जो पूरा हो गया है। सभी शिकायतकर्ताओं को सुरक्षा भी दे दी गई है। इन सब तथ्यों को देखते हुए इसकी सुनवाई यहीं पूरी की जाती है। अगर आगे कोई और मसला आता है, तो पहलवान हाईकोर्ट या संबंधित मजिस्ट्रेट की कोर्ट में जा सकते हैं।

आगे किसी भी प्रकार की शिकायत या माँग के लिए सुप्रीम कोर्ट ने प्रदर्शनकारी पहलवानों को स्थानीय मजिस्ट्रेट के समक्ष जाने की सलाह भी दी है। पहलवानों की तरफ से पेश वकील नरेंद्र हुड्डा ने पूरी जाँच प्रक्रिया की निगरानी करने का अनुरोध सुप्रीम कोर्ट से किया, लेकिन सर्वोच्च न्यायालय ने इसे नकारते हुए कहा कि अन्य मुद्दों के लिए दिल्ली हाईकोर्ट या मजिस्ट्रेट के समक्ष जाइए। दिल्ली पुलिस ने न सिर्फ पीड़िताओं का बयान दर्ज किया है, बल्कि उन्हें सुरक्षा भी प्रदान की है।

एक वरिष्ठ महिला पुलिस अधिकारी के नेतृत्व में जाँच आगे बढ़ रही है। उधर दिल्ली की सीमाओं पर फिर से अलर्ट जारी कर दिया गया है। सभी सीमावर्ती जिलों के DCP को निर्देश दिया गया है कि वो विष सतर्कता बरतें। सेन्ट्रल दिल्ली की तरफ जाने वाली सड़कों पर सख्त निगरानी रखने को कहा गया है। कई जगहों पर बैरिकेड्स लगाए गए हैं। सूत्रों से खबर मिली है कि बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारी जंतर-मंतर पर पहलवानों का समर्थन करने पहुँच सकते हैं।

उधर प्रदर्शनकारी पहलवानों ने अब अपने मेडल्स लौटाने की भी घोषणा कर दी है। बजरंग पूनिया ने कहा कि अगर पहलवानों के साथ ऐसा ही व्यवहार होता रहा तो फिर हमे इन मेडल्स का क्या करेंगे? उन्होंने कहा कि इससे अच्छा है कि हम इन मेडल्स को लौटा कर एक सामान्य ज़िन्दगी जिएँ। उन्होंने सारे मेडल्स और अवॉर्ड्स भारत सरकार को लौटाने की घोषणा कर डाली। पहलवानों ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी या केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से उन्हें बुलाने की माँग की और कहा कि ये राजनीतिक मुद्दा नहीं है। उन्होंने IT सेल पर उन्हें बदनाम करने का आरोप लगाया।