Friday, November 22
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विज्ञान प्रौद्यौगिकी और वातावरण मंत्री ने स्थायी कृषि प्रबंधन के लिए फसलों के अवशेष प्रबंधन पर वर्कशॉप को किया संबोधन


राकेश शाह, डेमोक्रेटिक फ्रंट, चंडीगढ़ : मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व वाली राज्य सरकार की तरफ से इन-सीटू और एक्स- सीटू ढंगों के साथ पराली जलाने पर काबू पाने के यत्नों को उजागर करते हुये विज्ञान प्रौद्यौगिकी और वातावरण मंत्री गुरमीत सिंह मीत हेयर ने बताया कि कृषि विभाग, पंजाब प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड और अन्य सम्बन्धी विभागों के लगातार यत्नों स्वरूप पराली जलाने के मामले पिछले साल के मुकाबले 30 प्रतिशत घटे हैं।

मीत हेयर आज पंजाब यूनिवर्सिटी चंडीगढ़ के सैंटर फॉर ह्यूमन राइट्स एंड डयूटीज़ की तरफ से कृषि और किसान भलाई विभाग, हरियाणा के सहयोग के साथ आज पंजाब यूनिवर्सिटी के गोल्डन जुबली हाल में “स्थायी कृषि प्रबंधन के लिए फसलों के अवशेष प्रबंधन पर करवाई वर्कशाप को संबोधन कर रहे थे।

विज्ञान प्रौद्यौगिकी और वातावरण मंत्री ने आगे कहा कि राज्य सरकार पंजाब निवासियों को शुद्ध हवा मुहैया करवाने के लिए वचनबद्ध है। इस साल सरकार की तरफ से और भी केस घटाने का लक्ष्य निश्चित किया है। मीत हेयर ने “स्थायी खेती के लिए फसलों के अवशेष प्रबंधन“ विषय पर प्रोजैक्ट के अधीन उपरोक्त वर्कशाप के प्रिंसिपल इनवैस्टीगेटर और कोआरडीनेटर प्रो. डॉ. नमिता गुप्ता द्वारा तैयार की रिपोर्ट भी जारी की। इस मौके पर खेती विरासत मिशन की तरफ से तैयार किया गया कैलंडर भी जारी किया गया।

इस मौके पर बिजली और लोक निर्माण मंत्री हरभजन सिंह ई. टी. ओ ने भी संबोधन किया। राज्य सलाहकार समिति के चेयरमैन डा. के. सी. बंगड़ और कृषि और किसान कल्याण विभाग हरियाणा के डायरैक्टर नरहरी सिंह बंगड़ ने इक्ट्ठ को विशेष तौर पर संबोधन किया। खेती विरासत मिशन, फरीदकोट से डॉ. उमेंदर दत्त ने फसलों की विभिन्नता और इन-सीटू प्रबंधन के लाभों पर भाषण दिया।

पंजाब प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड के चेयरमैन प्रो. डा. आदर्श पाल विग ने भी पराली जलाने से होने वाले हवा प्रदूषण को रोकने के लिए उपलब्ध अलग-अलग तकनीकों के लाभों के बारे बताया। उन्होंने कहा कि पराली की गट्ठें बना कर इसको उद्योगों/ ईंटों के भट्टों में ईंधन के तौर पर इस्तेमाल किया जा सकता है जिससे किसानों को भी लाभ होगा।

इस मौके पर सैंटर फार ह्यूमन राइट्स एंड डयूटीज़, पंजाब यूनिवर्सिटी के चेयरपर्सन डा. उपनीत कौर मांगट ने धन्यवाद किया।

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