कानून के मुताबिक महिला को घूरना  भी अपराध  :  एडवोकेट दीक्षा खेड़ा

सुशील पंडित, डेमोक्रेटिक फ्रन्ट,  यमुनानगर  10 अप्रैल :

 डी ए वी गर्ल्स कॉलेज के राजनीति शास्त्र विभाग, लीगल लिटरेसी सेल  व मानवाधिकार सोसाइटी की ओर से वैधानिक परिप्रेक्ष्य में औरतों के अधिकार विषय पर एक्सटेंशन लेक्चर का आयोजन किया गया। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की एडवोकेट दीक्षा  खेड़ा मुख्य वक्ता रही। कॉलेज प्रिंसिपल  डॉ मीनू जैन व राजनीति शास्त्र विभाग अध्यक्ष डॉ शिखा  सैनी ने  संयुक्त रूप से कार्यक्रम की अध्यक्षता की।

एडवोकेट दीक्षा खेड़ा में छात्राओं को संविधान में औरतों को  दिए 19 मानवाधिकारों  के बारे में विस्तार  से चर्चा की। उन्होंने  ने बताया  कि धारा 44 के तहत किसी भी महिला को सूर्यास्त  के बाद गिरफ्तार नहीं किया जा सकता। वर्ष  2005 के कानून के  मुताबिक पूर्वजों की संपत्ति पर महिलाओं का बराबर का अधिकार होता है। सी आर पी सी के 160 सेक्शन  के  तहत किसी भी महिला को पूछताछ  के लिए पुलिस थाने में नहीं बुलाया जा सकता। हालांकि  महिला पुलिस घर जा कर पूछताछ  कर सकती है। धारा 354 सी के तहत किसी महिला को घूरना  भी अपराध की श्रेणी में आता है।

उन्होंने बताया कि कानून के मुताबिक महिला शादी के बिना भी बच्चे को गोद ले सकती है। कार्यक्षेत्र  में महिलाओं को सुरक्षा का प्रावधान कानून में दिया गया है। घरेलू हिंसा की श्रेणी में शारीरिक, मानसिक व  मौखिक प्रताड़ना  को भी शामिल किया गया है। समान काम, समान वेतन का अधिकार भी महिलाओं को दिया गया है। साथ ही  उन्होंने कहा कि औरतों को अधिकारों के साथ ही कर्तव्यों की भी जानकारी होनी  चाहिए। डॉ मीनू जैन ने  कहा कि कानून ने  महिलाओं को बहुत सारे अधिकार  दिए हैं। जिनके बारे में उन्हें  जागरूक होना बेहद जरुरी है।

छात्राओं को अधिकार व  कर्तव्य संबंधी जानकारी देने के लिहाज  से लेक्चर का आयोजन किया । डॉ शिखा सैनी ने एडवोकेट दीक्षा खेड़ा का आभार व्यक्त किया और कहा कि भविष्य में भी इस प्रकार के  लेक्चर आयोजित किए जाएंगे।