जो ईश्वर ने दिया, उसमें संतोष करें : आचार्य योगेन्द्र याज्ञिक
जिस दिन घमंड अपने सिर से उतार देगा, उस दिन विधाता तुझको अनमोल प्यार देगा.. ..
हिसार/पवन सैनी
आर्य समाज, मॉडल टाऊन में महर्षि दयानंद सरस्वती की 200वीं जयंती वर्ष के उपलक्ष्य में चल रही वेद कथा के तीसरे दिन बोलते हुए होशंगाबाद से पधारे आचार्य योगेन्द्र याज्ञिक ने कहा कि सुखी होने के लिए उन वस्तुओं को देखें, जो ईश्वर ने आपको दी हैं। जो वस्तुएं आपको ईश्वर की न्याय व्यवस्था से मिली हैं। यदि आप उन्हीं से लाभ उठा कर संतोष का पालन करें, तब तो आप सुखी हो सकते हैं और जो वस्तुएं आप को नहीं मिल पाई, उनको उस समय तो भूल जाएं। उनकी शिकायत न करें। उन वस्तुओं को प्राप्त करने के लिए फिर से बुद्धिमत्ता से और अधिक पुरुषार्थ करें। आलसी न बनें। यदि आप ऐसा करेंगे, तभी आप सुखी हो सकते हैं, अन्यथा नहीं। पंजाब से पधारे जगत वर्मा ने कण-कण में जो रमा है, हर दिल में है समाया, उसकी उपासना ही कर्तव्य है बताया, जिस दिन घमंड अपने सिर से उतार देगा, उस दिन विधाता तुझको अनमोल प्यार देगा.. .. भजन सुनाकर श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। मंच संचालन आर्य समाज के आचार्य सूर्यदेव वेदांशु ने किया।
कथा से पूर्व प्रात: हुए हवन में डॉ. वैभव बिदानी, अरविंद गिल, विजयपाल, कृष्ण कुमार खुराना सपत्नीक यजमान बने। इस अवसर पर पूर्व मंत्री चौ. हरिसिंह सैनी, जगदीश प्रसाद आर्य, पवन रावलवासिया, रामकुमार रावलवासिया, गंगादत्त अहलावत, वीरेंद्र आर्य, रामपाल आर्य, सुरेन्द्र बेरवाल, मांगेराम आर्य, विजयपाल, तहसीलदार महावीर, आनन्द गर्ग, राजेश, विक्रम, श्याम सुंदर, निर्मला देवी, शशि कला आर्या, रश्मि, सुनीता सहारण, सविता, अर्चना, सौम्या, सीमा काठपाल सहित सैंकड़ों लोग उपस्थित रहे। आर्य समाज के आचार्य सूर्यदेव वेदांशु ने बताया कि 8 अप्रैल तक प्रात: 9 से 10 बजे तक हवन, 10.15 बजे से दोपहर 12.30 बजे तक व रात्रि 8 बजे से 10 बजे तक भजन व प्रवचन होंगे। 9 अप्रैल को कार्यक्रम के अंतिम दिन प्रात: 9 बजे से दोपहर 1 बजे तक भजन-प्रवचन होंगे। उसके बाद ऋषिभोज दिया जाएगा।