देश में आयुर्वेद को बढ़ावा देने में हरियाणा का अहम योगदान रहेगा – मनोहर लाल खट्टर
- मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर द्वारा तीन दिवसीय आयुर्वेद पर्व का शुभारंभ
- आयुर्वेद व मॉडर्न मेडिसिन का समन्वय सम्पूर्ण स्वास्थ्य का विकल्प
डेमोक्रेटिक फ्रन्ट, चंडीगढ़ – 27 मार्च :
आयुष मंत्रालय भारत सरकार द्वारा प्रायोजित अखिल भारतीय आयुर्वेद महासम्मेलन के आयुर्वेद महापर्व 2023 का शुभारंभ हरियाणा के माननीय मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने श्री धनवंत्री आयुर्वैदिक कॉलेज एंड हॉस्पिटल सेक्टर 46 में किया ।
3 दिन आयुर्वेद पर देश भर से आए आयुर्वेद के विद्वान करेंगे मंथन ।
आयुर्वेद पर्व में 3 दिन लगातार तीन दिन 11 बजे आयुर्वेदाचार्य द्वारा फ्री चेकअप व दवाइयों का वितरण किया जाएगा
तीनों दिन के आयुर्वेद कैंप में आम जनता के लिए फ्री एंट्री होगी। अखिल भारतीय आयुर्वेद महासम्मेलन एवं राज्यसभा चंडीगढ़ द्वारा आयुर्वेद पर्व 2023 का आयोजन श्री धनवंत्री आयुर्वैदिक कॉलेज एंड हॉस्पिटल चंडीगढ़ में किया जा रहा है । यह जानकारी डॉ गीता जोशी ने दी व बताया कि आयुर्वेद पर्व में पद्मश्री पद्म भूषण अवार्ड वैद्य देवेंद्र त्रिगुणा ,वैद्य अनिल भारद्वाज सहित पंचकूला के मेयर कुलभूषण गोयल व चंडीगढ़ के मेयर अनूप गुप्ता विशिष्ट अतिथियों में शामिल रहे
चंडीगढ़ सेक्टर 46 के धन्वंतरी आयुर्वेद कॉलेज में आयुर्वेद पर्व का आयोजन किया जा रहा है। जिसमें आयुर्वेद से जुड़ी कई हस्तियां शामिल हुई। इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने भी खास तौर पर शिरकत की । इसके अलावा कार्यक्रम में आयुर्वेद से जुड़े लोग, वैद्य, छात्र और आम लोग पहुंचे थे।
सीएम ने कहा कि आजकल मेडिकल या आयुर्वेद के छात्र खुद को वैद्य कहलाना पसंद नहीं करते। डाक्टर कहलाना पसंद करते हैं।
पहले शिक्षा और चिकित्सा सबको मिलती थी। फिर इसमें पैसे का चलन शुरू हो गया । लोगों को लगने लगा कि अगर पैसे देकर कोई काम करवाया तो बेहतर हो सकता है। आयुर्वेद सबसे बेहतर चिकित्सा पद्धति है। एलोपैथी में हम एक बीमारी का इलाज करवाते हैं दुसरी बिमारी लग जाती है ।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमें कुरुक्षेत्र में कृष्णा आयुर्वेद विश्वविद्यालय बनाया जा रहा है। जिसके लिए 100 एकड़ भूमि मंजूर हो चुकी है।
हमें इसके लिए एक कुलपति की तलाश है। उन्होंने नेशनल कमीशन फॉर इंडियन सिस्टम ऑफ मेडिसिन के अध्यक्ष राकेश शर्मा से कहा कि आप कोई नाम सुझाएं।
एक समय में देश में अनाज की कमी थी और आज हम अनाज एक्सपोर्ट करते हैं। लेकिन उत्पादन बढने के साथ साथ इसमें फर्टीलाइजर नाम की एक कमी आ गई जिससे कई बिमारियां फैल रही हैं। हमें अब यूटर्न लेना होगा। हमें प्राकृतिक खेती की और जाना होगा।