धीरेद्र कृष्ण शास्त्री पर उदयपुर पुलिस ने दर्ज किया भावनाएं भड़काने का केस
उदयपुर में नवसंवत्सर और चेटीचंड के मौके पर गांधी ग्राउंड में धर्मसभा का आयोजन हुआ। धर्मसभा में हजारों की संख्या में लोग शामिल हुए। इससे पहले शहरभर में शोभायात्रा निकाली गई थी। इसके बाद धर्मसभा शुरू हुई। धर्मसभा में कथावाचक देवकीनंदन ठाकुर, उत्तम स्वामी और देशभर में चर्चित बागेश्वर धाम प्रमुख धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने संबोधित किया था।
दिनेश पाठक, डेमोक्रेटिक फ्रन्ट, जयपुर – 24 मार्च :
उदयपुर पुलिस ने बागेश्वर धाम के पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री पर केस दर्ज किया है। एक दिन पहले हुई धर्मसभा में उनके एक बयान को लेकर पुलिस ने यह एक्शन लिया है। धर्मसभा में उन्होंने लोगों का आह्वान करते हुए कहा था कि राजसमंद जिले के कुम्भलगढ़ किले में जो 100 हरे झंडे लगे हैं, वहां भगवा झंडा लगवाओ।
पुलिस ने इसे धार्मिक हिंसा भड़काने वाला माना है। उनके इस बयान पर संज्ञान लेते हुए शहर के हाथीपोल थाने में मामला दर्ज किया गया। उदयपुर एसपी विकास शर्मा ने बताया कि उनका बयान भड़काऊ और विवादित है।
एडिशनल एसपी चन्द्रशील ठाकुर ने बताया- पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने समुदायों के बीच विवाद बढ़ाने वाले भड़काऊ शब्दों का प्रयोग किया। इसी बयान के बाद गुरुवार रात कुछ युवाओं ने कुम्भलगढ़ किले पर उत्पात मचाने की कोशिश भी की। इनमें से 5 युवाओं को गिरफ्तार किया गया है। इन सभी के खिलाफ केलवाड़ा थाने में मुकदमा दर्ज किया गया है।
बता दें कि उदयपुर शहर के गांधी ग्राउंड में गुरुवार को एक धर्मसभा की गई थी। इसमें पंडित धीरेंद्र शास्त्री के साथ कथा मर्मज्ञ पंडित देवकीनंदन ठाकुर और बांसवाड़ा के संत उत्तम स्वामी सहित कई संत-महात्मा मंच पर मौजूद थे।
पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने कुम्भलगढ़ किले में भगवा झंडा लगवाने का मंच से तीन बार जिक्र किया। कहा, ‘डरते तो हम किसी के बाप से नहीं हैं। डरते तो वो हैं, जो बुजदिल होते हैं। हम तो वो हैं, जो कुम्भलगढ़ किले में भी भगवा झंडा लगवाकर मानेंगे। युवाओं की भीड़ को आह्वान करते हुए शास्त्री बोले- तुम चाहते हो कि वहां भगवा झंडा गड़े। क्या ये बात सही है, अगर सही है तो चुप क्यों बैठे हो।’
वरिष्ठ इतिहासकार प्रो. जीएल मेनारिया ने बताया कि महाराणा कुम्भा ने कुम्भलगढ़ दुर्ग बनवाया। इसी दुर्ग में महाराणा प्रताप का जन्म हुआ। सैकड़ों साल से इस दुर्ग की तलहटी में एक विशेष धर्म के 25 से 30 परिवार रहते हैं। ये परिवार हरे रंग का धार्मिक झंडा लगाते हैं। इस जगह पर अब तक कोई सांप्रदायिक घटना नहीं हुई है।
पं. धीरेंद्र शास्त्री ने कहा, ‘मेवाड़ में रहने वाले सनातनियों को जातियों में बंट कर नहीं, बल्कि एक होकर हिंदुत्व के लिए लड़ना चाहिए। अगर भारत में रहना होगा तो सीता-राम कहना होगा। उदयपुर में धोखे से एक कन्हैया चला गया, लेकिन अब तो घर-घर में कन्हैया है। अब हिंदुओं पर अत्याचार नहीं सहा जाएगा। हिंदू को जागना होगा। देश को हिंदू राष्ट्र बनाने का संकल्प लेना चाहिए। मेवाड़ तो महाराणा प्रताप, मीराबाई और हाड़ी रानी जैसी वीरांगनाओं की धरती है। कुम्भलगढ़ में भी भगवा फहराना है।’
उन्होंने धर्मसभा में आए लोगों को शपथ दिलाई कि राम-श्रीकृष्ण का विरोध करने वालों को जवाब देंगे, संतों की रक्षा करेंगे और जब तक भारत हिंदू राष्ट्र घोषित नहीं होता, चैन से नहीं बैठेंगे। सभा में मौजूद मेवाड़ के पूर्व राजपरिवार के सदस्य की ओर इशारा करते हुए कहा, ‘ये आए तो लगा कि प्रताप की खुशबू आई है। ये वो मेवाड़ है, जहां का घोड़ा चेतक भी वीर था और हाथी रामप्रसाद भी। मैं यहां भाषणबाजी या राजनीति करने नहीं आया हूं। केवल सनातन के लिए काम करता हूं और इसके लिए अपने प्राण भी न्यौछावर करूंगा।’
उदयपुर एसपी विकास शर्मा ने कहा- धीरेंद्र शास्त्री के बयान पर संज्ञान लेते हुए मुकदमा दर्ज किया गया है। मामले में जांच के बाद नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।
बता दें कि पं. धीरेंद्र शास्त्री के खिलाफ आईपीसी की धारा 153ए के तहत मुकदमा दर्ज हुआ है। यह धारा धर्म, जाति, भाषा या निवास आदि के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच शत्रुता को बढ़ावा देने और सद्भावना बिगाड़ने के मामले में लगाई जाती है। इसमें 3 साल तक की जेल या जुर्माना या दोनों का प्रावधान है।