कृषि के साथ-साथ पशुपालन और मत्स्य पालन की ओर भी अग्रसर हो किसान : रत्नलाल कटारिया
सुशील पंडित, डेमोक्रेटिक फ्रन्ट, यमुनानगर – 14 मार्च :
पूर्व केंद्रीय मंत्री अंबाला लोकसभा भाजपा सांसद रतनलाल कटारिया द्वारा देश की संसद लोकसभा में मत्स्य उत्पादन पर पूछे गए लिखित प्रश्न के जवाब में केंद्रीय मंत्री परशोत्तम रूपाला ने बताया कि केंद्र मोदी भाजपा सरकार किसानों की आय को दोगुना करने के लिए कृषि के साथ-साथ पशुपालन और मत्स्य पालन को बढ़ावा देने के लिए युद्ध स्तर पर कार्य कर रही है, ताकि किसानों के आय में स्थाई वृद्धि हो सके।
पूर्व केन्द्रीय मंत्री रत्नलाल कटारिया ने कहा कि जैसा कि भारत विभिन्न मोर्चों पर आगे बढ़ रहा है और विभिन्न क्षेत्रों में वैश्विक मंच पर अपनी उपस्थिति दर्ज करा रहा है। भारतीय मत्स्य क्षेत्र बहुत तेजी से बढ़ रहा है। भारत पहले ही तीसरा सबसे बड़ा मछली उत्पादक, दूसरा सबसे बड़ा जलीय कृषि उत्पादक और मछली और मत्स्य उत्पादों का चौथा सबसे बड़ा निर्यातक बन गया है। इस क्षेत्र ने वित्त वर्ष 2021-22 में 10.5% की वार्षिक वृद्धि दर्ज की है और निकट भविष्य में और अधिक वृद्धि के साथ 162.48 लाख टन के रिकॉर्ड मछली उत्पादन तक पहुंच गया है। यह क्षेत्र 2.8 करोड से अधिक लोगों को स्थाई आजीविका प्रदान कराता है, जो ज्यादातर हाशिए पर और कमजोर समुदाय के भीतर है और गरीबों और दलितों की सामाजिक आर्थिक स्थिति में सुधार लाने में सहायक हो रहा है।भाजपा केन्द्र सरकार द्वारा 27,500 करोड रुपए से अधिक के निवेश के साथ कई दूरदर्शी योजनाओं और कार्यक्रमों जैसे प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना, मत्स्य अवसंरचना विकास निधि और किसान क्रेडिट कार्ड को लॉन्च किया गया है जिसने अपना प्रभाव दिखाना शुरू कर दिया है। यह क्षेत्र अमृत काल के दौरान नई ऊंचाई हासिल करने के लिए तैयार है। कटारिया ने कहा कि इस वर्ष केंद्रीय बजट में प्रधानमंत्री मत्स्य किसान समृद्धि सह-योजना नाम से एक नई उप-योजना की घोषणा की गई है, जिसके तहत केंद्रीय क्षेत्र की उप-योजना जिसमें 6,000 करोड रुपए का लक्षित निवेश है। जिसका उद्देश्य मछुआरे, मछली विक्रेता और मत्स्य क्षेत्र में लगे सूक्ष्म और लघु उद्यमी की आय को और बढ़ाना है। इस योजना में जलीय कृषि और मत्स्य पालन में जोखिम को कम करने के लिए प्रणाली और संस्थानों को प्रोत्साहन देने के लिए डिजिटल समावेशन, पूंजी निवेश किया जा रहा है,भाजपा सरकार का मानना है कि भारत देश का किसान समृद्ध होगा, तभी देश समृद्ध होगा।