हरियाणा पुलिस नहीं कर रही रेप पीड़िता की सुनवाई

पंचकूला में रेप पीड़िता को नहीं मिल रहा न्याय 

डेमोक्रेटिक फ्रन्ट, पंचकूला – 12 मार्च :

हरिपुर, सेक्टर 4, पंचकूला की पीड़ित महिला ने अपने वकील की मौजूदगी में प्रेस कांफ्रेंस में जानकारी दी कि 2013 में उसका विवाह अमृतखेड़ा, जिला लखनऊ, उत्तर प्रदेश में हुआ था। पति की गैरमौजूदगी में उसके देवर सौरभ ने उसके साथ बलात्कार किया, जिसके परिणामस्वरूप उसने एक बच्चे को जन्म दिया। ब्लैकमेलिंग और बलात्कार का सिलसिला लगातार चलता रहा। महिला किसी तरह अपने माता-पिता के पास लौटी और पंचकूला पुलिस से कार्रवाई करने की गुहार करती रही। सुनवाई न होने पर उसने उच्चाधिकारियों और पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय का रुख किया।

पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय ने 8 अप्रैल 2022 को डीजीपी हरियाणा को कार्रवाई करने के लिए निर्देशित किया, जिसके बाद भी निचले स्तर पर पुलिस ने कार्रवाई नहीं की। इस बीच, 8 मार्च 2023 की रात को आरोपी के एक सहयोगी, आफताब व उसके 20-25 साथियों ने पीड़िता के घर में घुस कर उससे मारपीट की और कपडे फाड् दिए। साथ ही बलात्कार करने की कोशिश की, उसकी चांदी की एक चेन और 20 हजार रुपये नगदी छीन कर ले गए और पूरा घर तहस-नहस कर डाला। थाना सेक्टर 5 की पुलिस ने पीड़िता के भाई बबलू को ही परेशान करना शुरू कर दिया और पीडि़ता पर बार-बार दबाव बनाया कि वह बलात्कार की शिकायत वापस ले ले।

महिला ने कहा कि पुलिस ने उसके केस में जीरो एफआईआर दर्ज की थी। बाद में पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय में गुहार लगाई तो एफआईआर पंचकूला में ट्रांसफर की गई। पुलिस ने आरोपियों को पकड़ कर छोड़ दिया और अभी तक कोई गिरफ्तारी नहीं की है। आरोपी को लखनऊ से पकड़ा जाना है, जिसके लिए पंचकूला पुलिस टालमटोल कर रही है। वकील दीपक अग्रवाल का कहना है कि महिला को जल्द से जल्द न्याय मिलना चाहिए। आरोपियों की गिरफ्तारी होनी चाहिए। पुलिस को नियमानुसार दो महीने में चालान पेश करना था, जो एक साल बीतने के बाद भी नहीं किया है। उन्होंने डीजीपी हरियाणा के दिनांक 2 सितंबर 2022 के आदेश की पालना नहीं करने वाले पुलिस अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई की मांग की है।