दिल्ली में फ्री बिजली देने पर यू-टर्न, बड़ा झटका देने की तैयारी में केजरीवाल सरकार
दिल्ली वालों को 200 यूनिट बिजली देने का वादा कर सत्ता में आई दिल्ली सरकार इस गर्मी में फ्री बिजली का झटका देने वाली है। दिल्ली सरकार के सूत्रों के अनुसार 3 किलो वाट ज्यादा खपत करने वाले बिजली उपभोक्ताओं को सब्सिडी खत्म हो सकती है। दिल्ली सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों के मुताबिक DIRC ने दिल्ली सरकार को सुझाव दिया है कि उपभोक्ताओं को खपत के आधार पर बिजली सब्सिडी देने के बारे में विचार किया जाएगा। इस व्यवस्था को प्रस्ताव तैयार करने के लिए उपभोक्ताओं को सब्सिडी से बाहर रखा जाए जिनकी बिजली की खपत 3 किलोवाट से ज्यादा है।
- तीन किलोवॉट से अधिक लोड होने पर बंद हो सकती है बिजली सब्सिडी
- यह सिफारिश दिल्ली विद्युत बिजली नियामक आयोग की ओर से की गई है
- बिजली विभाग जल्द ही मंजूरी के लिए दिल्ली कैबिनेट को प्रस्ताव भेज सकता है
अजय सिंगला, डेमोक्रेटिक फ्रन्ट, चंडीगढ़/नई दिल्ली – 04 मार्च :
दिल्ली में शराब घोटाले की हलचल के बीच केजरीवाल सरकार मुफ्त बिजली के नियम में बदलाव करके दिल्लीवालों को झटका देने की तैयारी में है। जिन घरों में तीन किलोवॉट से अधिक लोड का बिजली कनेक्शन लगा हुआ है, उन्हें बिजली सब्सिडी मिलनी बंद हो सकती है, भले ही उनकी महीने की बिजली खपत 400 यूनिट तक ही क्यों ना हो। सूत्रों ने कहा कि यह सिफारिश दिल्ली विद्युत बिजली नियामक आयोग (DERC) की ओर से आई है। दिल्ली बिजली विभाग जल्द ही दिल्ली कैबिनेट को प्रस्ताव भेज सकता है। अगर मंजूरी मिल जाती है तो इस कदम से सरकार को सालाना करीब 300 करोड़ रुपये की बचत होगी।
दिल्ली में करीब 58 लाख बिजली उपभोक्ता हैं, जिनमें 47 लाख से अधिक घरेलू हैं। सर्दियों में तो 85 फीसदी से ज्यादा को उपभोक्ताओं को सब्सिडी का लाभ मिलता है। दिल्ली सरकार ने वित्तीय वर्ष 2022-23 में बिजली सब्सिडी के लिए 3250 करोड़ रुपए का प्रावधान किया था।
दिल्ली सरकार का ऊर्जा विभाग इसको लेकर प्रस्ताव तैयार कर रहा है। जल्द ही इस प्रस्ताव को दिल्ली सरकार की कैबिनेट के पास मंजूरी के लिए भेजा जाएगा। दिल्ली विद्युत नियामक आयोग ने ऊर्जा विभाग को तीन किलोवाट से अधिक लोड वाले कनेक्शन को इस दायरे से बाहर रखने को कहा है।
पिछले साल 58 लाख से अधिक घरेलू उपभोक्ताओं में से 48 लाख ने 15 फरवरी तक स्वैच्छिक सब्सिडी योजना का विकल्प चुना था। बिजली विभाग के सूत्रों ने कहा कि 55 लाख उपभोक्ताओं को 2021-22 में गैर-पीक महीनों के दौरान सब्सिडी का लाभ मिला, जब बिजली की खपत कम थी। दिल्ली सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘कई लोगों ने पिछले साल सरकार से संपर्क किया था कि वे अपने बिजली बिलों का भुगतान करने में सक्षम हैं और सब्सिडी प्राप्त नहीं करना चाहते हैं। यही कारण है कि हम स्वैच्छिक सब्सिडी योजना लेकर आए हैं।’ अधिकारी ने कहा, ‘दिल्ली में कुल घरों में से 10 फीसदी से भी कम घरों में चार किलोवाट या उससे अधिक के स्वीकृत भार वाले बिजली मीटर हैं। उनमें से ज्यादातर पहले ही योजना से बाहर हो सकते हैं।’ एक अधिकारी ने कहा, ‘अगर अधिक लोग स्वैच्छिक सब्सिडी योजना के तहत पंजीकरण कराते हैं तो सब्सिडी का लाभ उठाने वाले उपभोक्ताओं की संख्या बढ़ सकती है।’