चंडीगढ़ में चला प्रशासन का बुलडोजर : झुग्गी-झोंपड़ियों पर प्रशासन का Action

जिन लोगों की झुग्गियां गिराई गई हैं, उनका कहना है कि वह कई सालों से यहां पर रह रहे थे और उनके पास रिहायशी सबूत भी थे। इसके बावजूद प्रशासन ने उनके घर तोड़ दिए। ऐसे में उनके बच्चों की पढ़ाई भी खराब हो जाएगी। वहीं अब उजाड़े गए लोगों को अपने भविष्य की चिंता भी सता रही है। लोगों का कहना था कि उन्हें उनके रिहायशी सबूतों पर राशन भी मिल रहा था। उनके पास इन पतों पर आधार कार्ड, राशन कार्ड और बाकी सभी दस्तावेज हैं।

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अजय सिंगला, डेमोक्रेटिक फ्रन्ट, चंडीगढ़ – 04 मार्च :

चंडीगढ़ प्रशासन लगातार शहर में अवैध निर्माणों को गिराने की कार्रवाई  कर रहा है। इसके तहत आज सेक्टर 26 की मंडी में कई अवैध निर्माणों को गिराया गया।करीब 4 दशकों से भी अधिक समय से स्थानीय मंडी की परिधि में बैठे झुग्गी-झोंपड़ियों पर दोपहर से पहले 11 बजे के करीब मार्कीट समिति की चली जे.सी.बी. के कारण 100 के लगभग गरीब परिवारों के हुए उजाड़े के साथ उक्त घरों में रहते 400 के करीब लोग बेघर हो गए। उजाड़े गए ये झुग्गी-झोंपड़ी वाले चंडीगढ़ के पक्के निवासी हैं, जिनके बाकायदा इस स्थान पर आधार कार्ड, वोटर कार्ड जैसे सभी रिहायशी सरकारी दस्तावेज भी बने हुए हैं। महाराष्ट्र के मराठी और उत्तर प्रदेश के प्रजापति समाज के साथ संबंधित ये मेहनत मजदूरी करने वाले परिवार करीब 45 साल से अपने बाप-दादाओं के समय से यहां रहते आ रहे हैं। इन परिवारों की अब यह तीसरी पीढ़ी है। 

एस्टेट ऑफिस के इनफोर्समेंट इंस्पेक्टर रमेश कल्याण ने बताया गया कि दोबारा यहां पर अवैध कब्जा न हो इसके लिए यहां पर फेंसिंग की जाएगी और अवैध कब्जाधारियों पर पूरी नजर रखी जाएगी।

वहीं बताया गया है कि मंडी में लगाए गए कई अवैध बोर्ड्स को भी हटाया जाएगा। वहीं अवैध वैंडर्स को हटाने को लेकर भी कार्रवाई की जा रही है। दुकानों के आगे घेरी गई जमीन को भी मुक्त करवाया गया और सीमेंट के अवैध ढांचों को गिराया गया। इसके अलावा दुकानों के बीच में अवैध रूप से बनाई गई दीवारें भी तोड़ी गई।

प्रशासन की इस कार्रवाई के दौरान बड़ी संख्या में पुलिस फोर्स भी यहां पर मौजूद थी। प्रशासन को इस कार्रवाई के दौरान लोगों के कुछ विरोध का भी सामना करना पड़ा। हालांकि यह ड्राइव शांतिपूर्ण रही। प्रशासन ने पहले ही लोगों को यहां पर अवैध निर्माण गिराने जाने को लेकर चेतावनी दे दी थी।

वहीं जिन लोगों की झुग्गियां गिराई गई हैं, उनका कहना है कि वह कई सालों से यहां पर रह रहे थे और उनके पास रिहायशी सबूत भी थे। इसके बावजूद प्रशासन ने उनके घर तोड़ दिए। ऐसे में उनके बच्चों की पढ़ाई भी खराब हो जाएगी। वहीं अब उजाड़े गए लोगों को अपने भविष्य की चिंता भी सता रही है। लोगों का कहना था कि उन्हें उनके रिहायशी सबूतों पर राशन भी मिल रहा था। उनके पास इन पतों पर आधार कार्ड, राशन कार्ड और बाकी सभी दस्तावेज हैं।