मौसम की मार से खराब हुई सरसों का जल्द मुआवजा दे सरकार –  हुड्डा

  • कई सीज़न से रुका पड़ा है किसानों का मुआवजा, सरकार ने डकारे सैंकड़ों करोड़ रुपये- हुड्डा
  • सरकार के संरक्षण में किसानों के पैसों पर चांदी कूट रही हैं बीमा कंपनियां- हुड्डा
  • आज तक किसानों को नहीं मिली भावांतर भरपाई और फसल विविधिकरण की राशि- हुड्डा 
  • बीजेपी-जेजेपी ने हरियाणा के किसान को कर्ज में डुबोया, पूरे देश से ढाई गुना ज्यादा कर्ज- हुड्डा
  • कांग्रेस सरकार में हरियाणा कृषि विकास में था अव्वल, आज कर्ज के मामले में अग्रणी- हुड्डा
  • धान और गेहूं घोटाले को दबाकर बैठी सरकार, आजतक नहीं हुई कार्रवाई- हुड्डा

डेमोक्रेटिक फ्रंट संवाददाता, चंडीगढ़, 28 जनवरी:

                        पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने सरसों के किसानों को मुआवजा देने की मांग उठाई है। उनका कहना है कि पाले की मार से पूरे प्रदेश में 70-90 प्रतिशत तक फसल खराब हो चुकी है। लेकिन अभी तक बीजेपी-जेजेपी सरकार ने न तो गिरदावरी करवाई और न ही मुआवजे का ऐलान किया। उन्होंने कहा कि सरकार बिना देरी किए किसानों की मदद के लिए आगे आए।

                        हुड्डा ने याद दिलाया कि 2020 की खरीफ फसल के मुआवजे की मांग को लेकर किसान आज तक कई जगह धरनारत हैं। पिछले कई सीजन से या तो किसानों को मुआवजे की नाम मात्र की राशि थमा दी जाती है या मुआवजा बिलकुल ही नहीं मिलता। इस तरह सरकार और बीमा कंपनियां किसानों का सैंकड़ों करोड़ रुपया डकार चुकी है। हर सीजन में बीमा कंपनियों को प्रीमियम देने के बाद भी किसानों के हाथ खाली रहते हैं। जबकि बीमा कंपनियां हरियाणा से 40 हजार करोड़ से ज्यादा का भारी-भरकम मुनाफा कमा चुकी हैं। सरकार के संरक्षण में किसानों के पैसों पर बीमा कंपनियां चांदी कूट रही हैं।

                        नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि सरकार ने बाजरे को भावंतर भरपाई योजना के तहत खरीदने का ऐलान किया था। लेकिन ना तो किसानों को फसल की एमएसपी मिली और ना ही अभी तक भावांतर के तहत उनके नुकसान की भरपाई की गई। उनका सरकार की तरफ 120 करोड़ रुपया आज भी बकाया है।

                        इसी तरह सरकार द्वारा फसल विविधिकरण के तहत धान छोड़कर मक्का उगाने पर किसानों को 7 हजार रुपए प्रति एकड़ प्रोत्साहन राशि देने का ऐलान किया गया था। वह भी किसानों को आज तक नहीं मिला। धान से लेकर गेहूं घोटाले में आजतक किसी तरह की कार्रवाई नहीं हुई। 4 जिलों में 42 हजार मीट्रिक टन गेंहू सड़ने का मामला आज भी पेंडिग हैं। जांच के लिए बनाई गई कमेटी को 30 दिनों में रिपोर्ट पेश कर कार्रवाई करनी थी। लेकिन आज 80 दिन बीत जाने के बावजूद नतीजा शून्य है।

                        भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि बीजेपी-जेजेपी सरकार की इन्हीं नीतियों व भ्रष्टाचार के चलते प्रदेश का किसान बर्बादी की कगार पर है। केंद्र सरकार की रिपोर्ट अनुसार आज देश के हर किसान परिवार पर औसतन 74 हजार 121 का कर्ज है। जबकि हरियाणा के किसान पर उससे लगभग ढ़ाई गुणा ज्यादा 1 लाख 82 हजार रुपये कर्ज है। कांग्रेस सरकार के दौरान जो हरियाणा कृषि एवम विकास के मामले में अव्वल था, वह आज कर्ज के मामले में अग्रणी राज्यों में शुमार है।