दूरदर्शन बचाने के लिए एकजुट हुए कई संगठन, बनाई रणनीति
दूरदर्शन हिसार बचाओ संघर्ष समिति के धरने के पांचवें दिन लिए कई फैसले
हिसार/पवन सैनी
करीब 21 साल पहले हिसार में बने दूरदर्शन केंद्र को 15 जनवरी से चंडीगढ़ स्थानांतरित करने के फैसले के खिलाफ सोमवार को पांचवें दिन भी धरना जारी रहा और कई राजनीति पार्टियों व सामाजिक संगठनों ने धरने को समर्थन दिया। इस दौरान धरने पर बैठक का आयोजन किया गया जिसमें संघर्ष को तेज करने की रणनीति बनाई गई और फैसला लिया कि मंगलवार को उपायुक्त के माध्यम से सरकार को ज्ञापन दिया जाएगा।
धरने को संबोधित करते हुए कांग्रेसी नेता अनिल मान ने कहा कि यह फैसला सरकार ने क्यों लिया है, इसका तो पता नहीं लेकिन लगता है कि सरकार की इस जमीन पर निगाह है और सरकार किसी बड़े उद्योगपति को यह जमीन देना चाहती है। आम आदमी पार्टी के नेता दलबीर किरमारा ने कहा कि आंदोलन को तेज करने के लिए शहर में जागरूकता अभियान चलाया जाए और लोगों को बताया जाए कि सरकार हिसार से उनका केंद्र छीन रही है।
किसान सभा के नेता दिलबाग हुड्डा ने कहा कि इस आंदोलन को जनता को जोड़कर साझा संघर्ष किया जाए। उन्होंने कहा कि उप मुख्यमंत्री को शर्म आनी चाहिए कि वे अपने परदादा के नाम पर बने एक संस्थान को बंद होता देख रहे हैं और सरकार के साथ खड़े हैं। किसान नेता सुबे सिंह बूरा ने कहा कि सरकार हर विभाग का निजीकरण करना चाहती है और दूरदर्शन को भी इस उद्देश्य से बंद किया जा रहा है।
सर्व कर्मचारी संघ के जिलाध्यक्ष सुरेंद्र यादव ने कहा कि उनका पूरा समर्थन इस धरने को है और वे निकाय मंत्री डॉ. कमल गुप्ता को ज्ञापन देंगे। कामरेड सुरेश ने कहा कि इस संघर्ष को तेज करना होगा और यदि हिसार बंद करने की जरूरत पड़ी तो हिसार भी बंद किया जाएगा। डॉ. रमेश पूनिया ने कहा कि यह सामूहिक संघर्ष है और हमें मिलकर लड़ाई लडऩी है।
धरने को जनवादी महिला समिति की सुमित्रा, जितेंद्र श्योराण, राजरानी मल्हान, किसान सभा के जिला प्रधान शमशेर सिंह, बलराज लाडवा, एमपीएचडब्ल्यू एसोसिएशन के नेता प्रदीप कुमार, नूर मोहम्मद, जसबीर हुड्डा, एलआईसी यूनियन के प्रधान त्रिलोक बंसल, सर्व कर्मचारी संघ हांसी से तुलसी दास आदि ने भी समर्थन दिया।