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पंचांग, 04 दिसम्बर 2022

पंचांग का पठन एवं श्रवण अति शुभ माना जाता है। माना जाता है कि भगवान श्रीराम भी पंचांग का श्रवण करते थे। शास्त्र कहते हैं कि तिथि के पठन और श्रवण से मां लक्ष्मी की कृपा मिलती है। तिथि का क्या महत्व है और किस तिथि में कौन से कार्य कराना चाहिए या नहीं यह जानने से लाभ मिलता ह। पंचांग मुख्यतः पाँच भागों से बना है। ये पांच भाग हैं: तिथि, नक्षत्र, वार, योग और करण। यहां दैनिक पंचांग में आपको शुभ समय, राहुकाल, सूर्योदय और सूर्यास्त का समय, तिथि, करण, नक्षत्र, सूर्य और चंद्र ग्रह की स्थिति, हिंदू माह और पहलू आदि के बारे में जानकारी मिलती है।

डेमोक्रेटिक फ्रंट, आध्यात्मिक डेस्क 04 दिसम्बर 22 :

नोटः आज मोक्षदा एकादशी व्रत (वैष्णव), तथा अखण्ड द्वादाशी है।

Kurma Dwadashi 2022 Date Tithi Puja Muhurat And Importance - Kurma Dwadashi  2022: कब है कूर्म द्वादशी व्रत? जानें पूजा मुहूर्त एवं महत्व – News18 हिंदी
मोक्षदा एकादशी व्रत (वैष्णव), तथा अखण्ड द्वादाशी

विक्रमी संवत्ः 2079, 

शक संवत्ः 1944,

मासः मार्गशीर्ष, 

पक्षः शुक्ल पक्ष, 

तिथिः द्वादशी प्रातः 05.58 तक है, 

वारः रविवार। 

विशेषः आज पश्चिम दिशा की यात्रा न करें। अति आवश्यक होने पर रविवार को पान खाकर लाल चंदन, गुड़ और लड्डू का दान देकर यात्रा करें।

नक्षत्रः अश्विनी अरूणोदय कालः 07.15 तक है, 

योगः वरीयान रात्रिकाल काल 03.40 तक, 

करणः बव, 

सूर्य राशिः वृश्चिक, चंद्र राशिः मेष, 

सूर्योदयः 07.03, सूर्यास्तः 05.20 बजे। 

राहु कालः सायंः 4.30 से सायं 6.00 बजे तक,