कार्तिक माह में विभिन्न तीर्थ स्थानों की यात्रा कर वापस लौटा जत्था
- हर तीर्थ स्थान पर कार्तिक के चलते लाखों की भीड़
- काशी विश्वनाथ कॉरिडोर को देख खुश हुए श्रद्धालु
सुशील पंडित, डेमोक्रेटिक फ्रंट, यमुनानगर – 10 नवंबर :
कार्तिक के पवित्र माह में हर कोई सोचता है कि वह कुछ ना कुछ पुण्य करें जिसके चलते विशेष रुप से तीर्थ यात्राएं तथा विभिन्न सरोवर एवं नदियों में स्नान व दीपदान का सिलसिला लगातार जारी रहता है। गत दिवस कार्तिक मास के समापन पर विभिन्न तीर्थ स्थलों पर भी श्रद्धालुओं की भीड़ कम होनी शुरू हुई। यमुनानगर गोविंदपुरी से भी 15 तीर्थ यात्रियों का एक जत्था गत दिवस श्री अयोध्या जी, श्री काशी जी, श्री प्रयागराज एवं श्री चित्रकूट के दर्शन एवं वहां के विभिन्न सरोवर सरयू नदी, गंगा जी, गंगा यमुना तथा सरस्वती के संगम स्थल तथा चित्रकूट में चित्रकूट में गुप्त गोदावरी के दर्शन, स्नान एवं आचमन कर वापिस लोटा।
श्रद्धालुओं में शामिल महिला श्रद्धालु सरयू शर्मा, कैलाश त्यागी, मुन्नी त्यागी, सुनीता त्यागी, प्रभा, वंदना शर्मा, पिंकी शर्मा, रजनी गोयल, विमला तथा पुरुष श्रद्धालु जयपाल वर्मा, सुशील त्यागी, देवेंद्र मेहता, अनुज कुमार, श्यामलाल त्यागी तथा वीरेंद्र त्यागी आदि ने बताया कि उनकी यह यात्रा एक यादगार यात्रा रही जो कि कार्तिक माह में की गई। उन्होंने बताया कि हर धार्मिक स्थान पर लाखों की भीड़ होने के कारण यात्रा में कुछ परेशानियां अवश्य होते हैं लेकिन कुल मिलाकर यह यात्रा शानदार रहे और सभी ने भगवान श्री राम, श्री काशी विश्वनाथ, गंगा जी, यमुना जी, सरस्वती जी तथा गुप्त गोदावरी नदियों के दर्शन कर जीवन धन्य किया। इन तीर्थयात्रियों ने बताया कि अयोध्या जी में पुलिस अधिकारी अजय मौर्य, मनोज कुमार तथा उमेश आदि के विशेष सहयोग से उन्हें हर प्रकार के सुविधा मिली तथा चित्रकूट में पंडित दिलीप त्रिपाठी तथा विनीत त्रिपाठी द्वारा श्रद्धालुओं का जो सहयोग किया गया उसके लिए वे सदा उनके आभारी रहेंगे।
ऐसे तीर्थ स्थानों पर जाकर और इतने भीड़ में यदि किसी अपने का सहयोग मिल जाए तो यह किसी वरदान से कम नहीं होता। वाराणसी में सामाजिक कार्यकर्ता धर्मवीर द्वारा किए गए संयोग के भी उन्होंने सराहना की और कहा कि ऐसे सहयोगियों व मित्रों द्वारा यात्रा शुभ तथा सुगम हो जाती है।
इन तीर्थ यात्रियों का कहना था कि विशेष रूप से कार्तिक माह के अंतिम सप्ताह में देव दीपावली को लेकर हर तीर्थ स्थान पर श्रद्धालुओं का भारी जमघट लगा हुआ था जिस कारण ठहरने, खाने-पीने, दर्शन तथा अन्य व्यवस्थाएं बुरी तरह प्रभावित हो रही थी, बावजूद इसके यात्रा सफल रहे और सभी ने यात्रा का लुफ्त उठाते हुए कार्तिक मास में पुण्य कमाने का काम किया। वाराणसी में वर्तमान सरकार द्वारा बनाया गया काशी विश्वनाथ कॉरिडोर देखकर सभी तीर्थयात्री प्रसन्न हुए। रेलवे की स्लीपर क्लास व्यवस्था से यात्री असंतुष्ट दिखाई दिए और कहा कि रेलवे धड़ाधड़ टिकट बेचने के चक्कर में हर किसी को स्लीपर क्लास की वेटिंग टिकट थमा देता है और बाद में स्लीपर क्लास की हालत सामान्य क्लास से भी बदतर हो जाते हैं।
जिन यात्रियों के टिकट कंफर्म भी होते हैं उन्हें भी बैठने तक को सीट नहीं मिलते और अन्य लोग ही सीटों पर कब्जा जमाए रहते हैं। ऐसे में आपस में तीर्थयात्री लड़ते रहते हैं और ना तो कोई किसी प्रकार का टीटी या फिर कोई सुरक्षा बल डिब्बों में पहुंचता है। हालत ऐसी हो जाती है कि डिब्बों में चाह कर भी सुरक्षा बल व टिकट चेकर नहीं पहुंच सकते। तीर्थ यात्रियों का कहना है कि रेलवे को भी अपनी व्यवस्था में सुधार करना चाहिए ताकि जो यात्री कंफर्म टिकट पर यात्रा कर रहे हैं उन्हें किसी प्रकार की कोई परेशानी ना हो।