पंचांग, 01 नवम्बर 2022

पंचांग का पठन एवं श्रवण अति शुभ माना जाता है। माना जाता है कि भगवान श्रीराम भी पंचांग का श्रवण करते थे। शास्त्र कहते हैं कि तिथि के पठन और श्रवण से मां लक्ष्मी की कृपा मिलती है। तिथि का क्या महत्व है और किस तिथि में कौन से कार्य कराना चाहिए या नहीं यह जानने से लाभ मिलता ह। पंचांग मुख्यतः पाँच भागों से बना है। ये पांच भाग हैं: तिथि, नक्षत्र, वार, योग और करण। यहां दैनिक पंचांग में आपको शुभ समय, राहुकाल, सूर्योदय और सूर्यास्त का समय, तिथि, करण, नक्षत्र, सूर्य और चंद्र ग्रह की स्थिति, हिंदू माह और पहलू आदि के बारे में जानकारी मिलती है।

डेमोक्रेटिक फ्रंट, आध्यात्मिक डेस्क – 01 नवम्बर 22 :

नोटः आज गोपाष्टमी व्रत तथा पुष्कर मेला प्रारम्भ राजस्थान

Gopashtami 2022: गोपाष्टमी के दिन किया जाता है गौ माता का पूजन, जानें पूजा  विधि और
आज गोपाष्टमी व्रत

कहा जाता है कि गाय में हिंदू धर्म के सभी 33 करोड़ देवी-देवता वास करते हैं। इस दिन गाय की पूजा और उसकी सेवा आदि करने से सभी तरह के कष्टों का नाश होता है साथ ही घर में सुख-समृद्धि भी आती है। गोपाष्टमी के दिन गाय और गोवंशों की सुरक्षा,संवर्धन और उनकी सेवा का संकल्प लेकर उनके प्रति कृतज्ञता व्यक्त की जाती है।

पुष्कर मेला राजस्थान प्रारम्भ

पुष्कर ऊंट मेले के पीछे मूल उद्देश्य कार्तिक के हिंदू चंद्र महीने में पूर्णिमा के आसपास पुष्कर में आयोजित पवित्र कार्तिक पूर्णिमा उत्सव के दौरान स्थानीय ऊंट और पशु व्यापारियों को व्यापार करने के लिए आकर्षित करना था।  यहां पर पशु मेला भी आयोजित किया जाता है, जिसमें पशुओं से संबंधित विभिन्न कार्यक्रम भी किए जाते हैं, जिसमें श्रेष्ठ नस्ल के पशुओं को पुरस्कृत किया जाता है। इस पशु मेले का मुख्य आकर्षण होता है।

विक्रमी संवत्ः 2079, 

शक संवत्ः 1944, 

मासः कार्तिक़, 

पक्षः शुक्ल पक्ष, 

तिथिः अष्टमी, रात्रि काल 11.05 तक है, 

वारः मंगलवार। 

विशेषः आज उत्तर दिशा की यात्रा न करें। अति आवश्यक होने पर मंगलवार को धनिया खाकर, लाल चंदन,मलयागिरि चंदन का दानकर यात्रा करें।

नक्षत्रः श्रवण रात्रि कालः 02.53 तक है, 

योगः शूल दोपहर काल 01.14 तक, 

करणः विष्टि, 

सूर्य राशिः तुला, चंद्र राशिः मकर, 

राहु कालः अपराहन् 3.00 से 4.30 बजे तक, 

सूर्योदयः 06.37, सूर्यास्तः 05.32 बजे।