सूरतगढ़ सीट पर भाजपा का नया पावरफुल चेहरा नरेन्द्र घिंटाला
करणीदानसिंह राजपूत, डेमोक्रेटिक फ्रंट, सूरतगढ़ – 13 अक्तूबर :
सूरतगढ़ से भारतीय जनता पार्टी के नए चेहरे और ग्रामीण एवं शहरी संस्कृति से भाजपा एवं संघ से जुड़े से व्यक्ति से 23 सितंबर 2022 की चर्चा हुई और सभी गतिविधियों पर नजर डाल कर राजनीतिक जीवन का महत्वपूर्ण काल यहां प्रस्तुत है।
सन 1989 से अब तक की स्थिति और भारतीय जनता पार्टी के विधायकों के कार्यकाल में जनता से संपर्क,कार्यकर्ताओं से मेल आदि के बिंदु चुनाव में खड़े हों तो शहर टिब्बा क्षेत्र नहरी क्षेत्र में प्रभावी रह सकते हैं। रिश्तेदारियां कितनी विशाल और फैली हुई हैं। इनका भी वोटिंग में बड़ा महत्वपूर्ण रोल होता है।
शिक्षा काल,उसके बाद भारतीय जनता पार्टी के युवा मोर्चा में फिर भाजपा के कार्यक्रमों में संपूर्ण स्थिति का समीक्षात्मक वर्णन है। सूरतगढ़ के पुराने चेहरों को छोड़ें और नयों में सबसे अधिक प्रभावी जो इस सीट पर अन्य दलों को टक्कर देते हुए विजय पताका फहराए। वह संभावित नया चेहरा है नरेन्द्र घिंटाला जिसका कार्य पद दर पद सूरतगढ़,जिला, प्रदेश और फिर राष्ट्रीय नेताओं से संपर्क मेलजोल तक रहा और अभी भी है।
प्रदेश में सतीश पूनिया वसुंधरा राजे सिंधिया से सीधी बात करने वाले, ओम प्रकाश माथुर गजेंद्र सिंह शेखावत वर्तमान राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से संपर्क और सहयोग। जेपी नड्डा जब युवा मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष थे उस समय यह चेहरा भी संपर्क में रहा। केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत,मध्यप्रदेश के सीएम शिवराजसिंह चौहान से घनिष्ठता।
भारतीय जनता पार्टी का यह चेहरा भाजपा युवा मोर्चा और भारतीय जनता पार्टी के महत्वपूर्ण पदों पर हर काल में सक्रियता की छाप लगाता रहा।
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला, ओम माथुर सतीश पूनिया से निरंतर पच्चीस तीस सालों से जो संपर्क और सहयोग रहा है संघ के कार्यक्रमों में प्रभावी रहने वाला चेहरा है नरेन्द्र घिंटाला।
सूरतगढ़ सीट पर भाजपा की ओर से नये चेहरे में अभी सबसे अधिक पावरफुल।
इस स्नातक ( बी.ए.)डिग्रीधारी ने सूरतगढ़ के राजकीय महाविद्यालय ( अब गुरूशरण छाबड़ा राजकीय महाविद्यालय) में सन् 2002 में छात्र संघ में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद को चुनाव लड़ा कर स्थापित किया था।
नरेंद्र का का जन्म 2 अक्टूबर 1969 को हुआ और स्नातक तक की शिक्षा 1991 में पूरी की। भारतीय जनता पार्टी में छोटा-मोटा कार्य करते रहे लेकिन जब ओम आचार्य ने लोकसभा का चुनाव 1989 में लड़ने को मैदान में उतरे तब इन्होंने भारतीय जनता पार्टी में विधिवत प्रवेश किया। नरेन्द्र घिंटाला का भाजपा में यह प्रवेश बड़ा महत्व रखता है जिससे निरंतर आगे कदम बढ़ते रहे।
- नरेंद्र घिंटाला1994 से 1997 तक भारतीय जनता युवा मोर्चा के जिला महामंत्री रहे। उस समय ओमप्रकाश बिड़ला मोर्चे के प्रदेश अध्यक्ष होते थे।
- सन् 1997 से सन 2000 तक भारतीय जनता युवा मोर्चा के जिला अध्यक्ष पद पर रहे उस समय राजस्थान में सतीश पूनिया मोर्चे के प्रदेशाध्यक्ष थे।
- सन 2000 से 2004 तक नरेंद्र घिंटाला भारतीय जनता युवा मोर्चा के प्रदेश मंत्री रहे।उस समय प्रदेशाध्यक्ष राघवेंद्र प्रताप सिंह थे।
- सन 2002 में सूरतगढ़ के राजकीय महाविद्यालय में छात्र संघ के चुनाव में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की ओर से अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ा कर परिषद की स्थापना की। अब परिषद का काफी दबदबा है।
- सन् 2004 में भारतीय जनता पार्टी में जिला मंत्री रहे उस समय बहादर चंद नारंग जिला अध्यक्ष थे।
- सन 2005 से 2009 तक भारतीय जनता पार्टी में जिला महामंत्री रहे।उस समय जिला अध्यक्ष पद पर सीताराम मौर्य थे और ओम प्रकाश जी माथुर प्रदेश अध्यक्ष थे।इनसे निरंतर संपर्क रहा।
- सन् 2005 से 2010 तक जिला परिषद श्रीगंगानगर के सदस्य थे। सरदारगढ़ क्षेत्र जिसमें 12 ग्राम पंचायतें आती है उस क्षेत्र से निर्वाचित हुए थे।
- सन् 2008 से 2015 तक सीमा जन कल्याण समिति के सदस्य रहे।
- सन् 2010 से 2016 तक देहात मंडल सूरतगढ़ के अध्यक्ष रहे। उस समय केवल संपूर्ण क्षेत्र में एक ही देहात मंडल होता था। उस समय भारतीय जनता पार्टी के जिला अध्यक्ष महेंद्र सिंह सोढ़ी और प्रदेशाध्यक्ष अरुण चतुर्वेदी बाद में प्रदेशाध्यक्ष वसुंधरा राजे से निरंतर संपर्क रहा।
- * चुनावों में भारतीय जनता पार्टी का हर क्षेत्र में सक्रिय योगदान दिया व चुनाव लड़ाने में विशेष सहयोग किया गया। राजेंद्र सिंह भादू सन् 2013 और रामप्रताप कासनिया 2018 के विधानसभा चुनावों में महत्वपूर्ण योगदान दिया।
- नरेंद्र घिंटाला राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से भी जुड़े हुए हैं। इन्होंने 2005 में श्री जगदंबा अंध महाविद्यालय श्री गंगानगर के परिसर में प्रथम वर्ग शिक्षा ग्रहण की। प्राथमिक शिक्षा वर्ग 1996 में जैतसर में किया था।
- सामाजिक कार्यों में विशेष रुचि रखने वाले नरेंद्र घिंटाला विभिन्न कार्यों के लिए लोकप्रियता रखते हैं।
- सूरतगढ़ की रेलविकास समिति से जुड़े हैं।
इनके पिता महावीर सिंह जी सूरतगढ़ के प्रसिद्ध सेठ रामदयाल राठी राजकीय उ.मा. विद्यालय में प्रधानाध्यापक रहे थे।
सेवा निवृत्ति के बाद विश्व हिंदू परिषद के सूरतगढ़ जिले के जिलाध्यक्ष रहे। सामाजिक कार्य में सूरतगढ़ में वीर तेजाजी जाट संस्थान के कन्या छात्रावास के संस्थापक सदस्य रहे।
घग्घर बाढ के दिनों में एक बार हनुमानगढ़ से सूरतगढ़ तक मोटरसाइकिल पर सवार होकर बहुत कम चौड़ाई वाले बांधों के ऊपर से गुजरते हुए हर क्षण खतरनाक स्थिति पानी के बहाव में गिर जाने के डर में सर्वे में इस लेखक के सहयोगी रहे। महावीरसिंह जी घिंटाला ने मोटरसाइकिल चलाया और लेखक फोटो व रिपोर्ट में रहा था।
नरेन्द्र घिंटाला नये चेहरों में सर्वाधिक पावरफुल सक्रिय हैं। अभी किसानों की समस्याओं बाबत लोकसभा अध्यक्ष ओमप्रकाश बिड़ला से भी मिल कर आए हैं।