द्वारका में निरंकारी सत्गुरू माता सुदीक्षा जी महाराज का मानवता का दिव्य संदेश

रघुनंदन पराशरडेमोक्रेटिक फ्रंट,  जैतो – 13 अक्तूबर  :

            सत्गुरु माता सुदीक्षा जी महाराज के द्वारका आगमन पर विशाल निरंकारी संत समागम का आयोजन डी. डी. ए. ग्राउंड, सेक्टर 22, द्वारका मे हुआ।

            इस दिव्य संत समागम में द्वारका जनपद के अतिरिक्त दिल्ली एंव एन. सी. आर. से भी हजारों श्रद्धालु भक्त सम्मिलित हुए और सत्गुरू माता जी के पावन प्रवचनों द्वारा तथा उनकी पावन छत्रछाया में समागम का भरपूर आनंद प्राप्त किया।सत्गुरू माता जी ने भक्तों को सम्बोधित करते हुए फरमाया कि – परमात्मा से जुड़ने पर हमें किसी भी प्रकार की परिस्थिति अस्थिर नहीं कर सकती।

            जब हम परमात्मा से इकमिक हो जाते है तब हम आनंद की अवस्था को प्राप्त कर लेते है। सत्गुरू माता जी ने ब्रह्मज्ञान का जीवन में महत्व बताते हुए कहा कि – जब हमें ब्रह्मज्ञान की प्राप्ति हो जाती है तब मानव जीवन में किया गया हमारा हर एक कर्म सार्थक होता है क्योंकि वह परोपकार से युक्त होता है।इस दिव्य संत समागम में स्थानीय निगम पार्षद नितिका शर्मा और कमलजीत सेहरावत ने भी शिरकत करी तथा सत्गुरु माताजी से पावन आर्शीवाद प्राप्त किया। द्वारका के स्थानीय मुखी आदरणीय श्री वेद बत्रा जी ने अपनी ओर से तथा द्वारका के संयोजक आदरणीय श्री राम शरण जी की ओर से समागम में समिल्लित हुई समस्त साध संगत और वहां उपस्थित गणमान्य अतिथियों का हृदय से धन्यवाद प्रकट किया। 

            सत्गुरु माता सुदीक्षा जी महाराज 75वें वार्षिक निरंकारी संत समागम से पूर्व अपनी जन कल्याण प्रचार यात्राओं के माध्यम से समूची मानव जाति को प्रेम, एकत्व, विश्वबन्धुत्व की भावना से युक्त जीवन जीने की प्रेरणा दे रहे हैं, जिसकी वर्तमान समय में नितांत आवश्यकता भी है।