जत्थेदार ज्ञानी रणजीत सिंह ने अपने ऊपर लगे सभी आरोपों को सिरे से खारिज किया
- डॉ.गुरविंदर सिंह समरा द्वारा लगाए गए सभी आरोप झूठ का पुलिंदा : जत्थेदार ज्ञानी रणजीत सिंह
राकेश शाह, डेमोक्रेटिक फ्रंट, चंडीगढ़ :
तख्त श्री पटना साहिब के जत्थेदार ज्ञानी रणजीत सिंह ने आज चंडीगढ़ प्रेस क्लब में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान अपने ऊपर लगाए गए सभी आरोपों को पूरी तरह से खारिज करते हुए अपना पक्ष रखा। उल्लेखनीय है कि तख्त श्री पटना साहिब के पंज प्यारों द्वारा पिछले महीने 5 करोड़ रुपए के सोने और अन्य चीजों के तौर पर मिले दान में गबन करने के आरोप लगने के बाद उनको तनखाईयां घोषित किया गया है।
जत्थेदार ज्ञानी रणजीत सिंह ने कहा कि मेरे पर लगे सभी आरोप पूरी तरह से बेबुनिया हैं और आज मैंने इन आरोपों की सच्चाई का खुलासा करने का फैसला किया है। उन्होंने बताया कि कथित डॉ.गुरविंदर सिंह समरा, निवासी करतारपुर ने कुछ सामान सोने का कह कर तख्त श्री पटना साहिब में भेंट किया था। इस सामान में श्री पीड़ा साहिब, श्री साहिब और चौर साहिब और कुछ अन्य चीजें शामिल हैं। भेंट की गई चीजों में एक कृपाण भी थी, जिसको लेकर उसने कहा था कि उस पर सवा सेर यानि सवा किलो सोना लगा हुआ है।
उन्होंने कहा कि हमने उनको सवा सेर लगा सोना कृपाण भेंट करने के लिए तख्त साहिब से एक मानपत्र भी प्रदान कर सम्मानित किया। इसका असली कारण ये था कि हम किसी भी द्वारा श्री गुरुद्वारा साहिब में कोई भी वस्तु भेंट करने को लेकर किसी पर शक या संदेह नहीं कर सकते हैं। इनके द्वारा कई और चीजों को भी सोने की कह कर गुरुद्वारा साहिब को भेंट की गई थीं। इनकी तरफ से जो भी चीजें भेंट की गई थीं, उनको चैक करवाने के बाद पता लगा कि उन पर सोना नहीं लगा हुआ था, जबकि उन सभी चीजों को सोना से बना कह कर भेंट किया गया था। इसकी जांच-पड़ताल के बाद ये सारा सामान नकली साबित हुआ।
उन्होंने आगे कहा कि सम्मान देने वाला कभी गलत नहीं होता है बल्कि नकली सामान देने वाला गलत होता है। जब भेंट की गई सभी चीजों को जांच के दौरान नकली पाया गया तो उन्होंने मेरे पर ही कई सारे झूठे आरोप लगा दिए। इन झूठे आरोपों में डॉ.समरा ने कहा कि ज्ञानी रणजीत सिंह ने मुझ से 70 लाख रुपए लिए हैं। इनका कोई प्रमाण डॉ.समरा के पास नहीं है। इसके बाद उन्होंने मुझ को एक 25 लाख रुपए की एक लोई भेंट करने की बात भी कही। इनकी तरफ से इस लोई की खरीद करने का कोई भी बिल आज तक नहीं दिखाया गया है। इनके द्वारा तख्त श्री पटना साहिब को 10 करोड़ रुपए का चैक देने की फोटो भी मुझे को मोबाइल पर भेजी गई। बाद में ये खुद उसको देने से मुकर गया।
जत्थेदार ज्ञानी रणजीत सिंह ने आगे बताया कि डॉ.समरा द्वारा मुझे एक करोड़ 24 लाख रुपए देने का झूठा आरोप लगाया जा रहा है। इसका कोई भी प्रमाण इनके पास नहीं है। यहां तक कि मेरे पर एक लडक़ी को छेडऩे का झूठा आरोप तक लगाया गया। मेरे पर बलात्कार करने और गर्भपात करवाने जैसे झूठे और नीच आरोप भी लगाए गए हैं। डॉ.समरा द्वारा पंज प्यारों को अपनी तरफ से तैयार किए गए झूठे दस्तावेज दिखाए गए और भ्रमित कर मेरे खिलाफ ये सब कुछ किया गया है। डॉ.समरा ने पंज प्यारों को जो कागज दिखाए गए हैं, उन पर मेरे जाली हस्ताक्षर हैं जो कि किसी अन्य कागज से कॉपी कर पेस्ट किए गए हैं।
जत्थेदार ज्ञानी रणजीत सिंह ने कहा कि डॉ.समरा पहले भी समाज विरोधी तत्वों से मिले हुए थे। इनके द्वारा पंजाब पुलिस के एक बड़े पुलिस अधिकारी को भी एक गलत केस में फंसाने की कोशिश की गई थी, जो कि बाद में झूठा पाया गया। डॉ.समरा द्वारा कई अन्य लोगों के साथ ही जाली दस्तावेज तैयार करके ठगी मारी गई है। कई केसों में तो इसको सजा तक भी हो चुकी है। इनका शुरुआत से ही गलत काम करने का खानदानी पेशा चलाया जा रहा है। डॉ.समरा पर इस समय 40 से अधिक केस चल रहे हैं। इनमें कई सारे केसों में इस को सजाएं भी हो चुकी हैं। यहां तक कि इसके पास से आरडीएक्स जैसी विस्फोटक सामग्री तक की बरामदगी हो चुकी है।
जत्थेदार ज्ञानी रणजीत सिंह ने डॉ.गुरविंदर सिंह समरा की डॉक्टरी डिग्री को भी जाली बताते हुए पंजाब मेडिकल एसोसिएशन से इसकी डिग्री की जांच करने की मांग की गई है। जत्थेदार ने आगे कहा कि डॉ.समरा द्वारा सोशल मीडिया पर मेरे पर झूठे आरोप लगातार मेरे नाम और सम्मान को काफी अधिक ठेस पहुंचाई गई है। इन्होंने पांच प्यारों को भी वरगलाकर मेरे खिलाफ ये सब कुछ करवाया गया है। जत्थेदार ने बताया कि इन पांच प्यारों द्वारा कुछ समय पहले गुरमीत राम रहीम के पक्ष में हुकमनामा भी जारी किया गया था।
उन्होंने कहा कि पांच प्यारों द्वारा जिस तरह से मेरे का तनखाईयां घोषित किया गया है, वह भी पूरी तरह से गलत है। ये एक तरफा फैसला है। इसमें मेरे से मेरा कोई पक्ष ही नहीं सुना गया है। सिर्फ डॉ.समरा द्वारा मुझ पर लगाए गए झूठे आरोपों को सच मानकर मेरे खिलाफ इतनी बड़ी कार्रवाई की गई है। ये सरासर गलत है और बेहद निंदनीय है।