भाजपा और जजपा सरकार हरियाणा में एक षड्यंत्र के तहत सरकारी शिक्षा के बदली निजीकरण पर प्रयास कर रही है : चन्द्र मोहन
डेमोक्रेटिक फ्रंट संवाददाता, पंचकूला – 25 अगस्त :
हरियाणा के पूर्व उप मुख्यमंत्री चन्द्र मोहन ने आरोप लगाया है कि भारतीय जनता पार्टी और जजपा सरकार हरियाणा प्रदेश में एक षड्यंत्र के तहत शिक्षा के वर्तमान ढांचे को समाप्त करके इसके नीजिकरण का कुत्सित प्रयास किया जा रहा है ताकि समाज के गरीब वर्गों के बच्चों को शिक्षा के अधिकार से वंचित रख कर उनको अशिक्षा और बेरोजगारी के दलदल में धकेला जा सके।
आज यहां जारी एक बयान में पूर्व उप मुख्यमंत्री ने कहा कि एक कल्याणकारी सरकार का यह सर्वोच्च दायित्व है कि वह प्रदेश के लोगों को बेहतर शिक्षा और स्वास्थ्य की सुविधा उपलब्ध करवाने के साथ साथ समाज कल्याण के कार्यों के माध्यम से लोगों का जीवन स्तर समुन्नत करे, लेकिन हरियाणा प्रदेश के समाज के गरीब वर्गों के बच्चों का यह दुर्भाग्य ही कहा जायेगा कि उन्हें स्कूलों में अध्यापकों के पदों के रेशनलाईजेशन के नाम पर शिक्षा के मौलिक अधिकार से एक षड्यंत्र के तहत शिक्षा से वंचित रखने की एक बड़ी भारी साज़िश रची जा रही है।
उन्होंने कहा कि इस रेशनालाईजेशन के नाम पर प्रदेश में अध्यापकों के 20 हजार पद समाप्त किए जा रहे हैं और तीन स्कूलों को मिला कर एक स्कूल बनाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में अध्यापकों के 126136 पद स्वीकृत हैं जिनमें से 90156 पदों पर ही आज अध्यापक कार्य कर रहे हैं इस प्रकार से 35980 पद अध्यापकों के प्रदेश में अभी भी खाली हैं उनको भरने की अपेक्षा रेशनेलाईजेशन के नाम पर एक षड्यंत्र के तहत अध्यापकों के लगभग 20 हजार पदों को समाप्त करके देश के राष्ट्र निर्माताओं को बेरोजगारी के दलदल में धकेलने का प्रयास किया जा रहा है।
चन्द्र मोहन ने कहा कि जिस प्रकार से ग्रामीण क्षेत्रों में स्कूलों को बंद करने का प्रयास किया जा रहा है उससे आभास होता है कि शिक्षा का ढांचा पूरी तरह से ध्वस्त हो जायेगा और इसका सीधा लाभ निजी स्कूलों को ही होगा । उन्होंने सरकार से आग्रह किया है कि वह बताए कि सरकारी स्कूलों में बच्चों की संख्या कम कैसे हो रही है।इसका सरकार के किसी भी मंंन्त्री या अधिकारी के पास कोई जवाब नहीं है। उन्होंने कहा कि इस सारी एक्सरसाइज का एक मात्र उद्देश्य यही है कि सरकार शिक्षा के नीजिकरण की और कदम उठा रही है। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर प्रदेश के समाज के गरीब वर्गों के बच्चों को रेशनालाईजेशन के नाम पर शिक्षा के मौलिक अधिकार से वंचित करने का प्रयास किया गया तो आने वाले समय में इस सरकार को इसका परिणाम भुगतने के लिए भी तैयार रहना चाहिए।
उन्होंने मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर और शिक्षा मंत्री कंवर पाल गुर्जर से आग्रह किया है कि वह प्रदेश के बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने की अपेक्षा प्रदेश में अध्यापकों के 30 हजार से अधिक खाली पड़े पदों को भरने के लिए उनके द्वारा तुरंत ही कदम उठाए जाएं ताकि समाज के गरीब वर्गों के बच्चों के हितों की सुरक्षा हो सके।