पंचांग, 19 अगस्त 2022

पंचांग का पठन एवं श्रवण अति शुभ माना जाता है। माना जाता है कि भगवान श्रीराम भी पंचांग का श्रवण करते थे। शास्त्र कहते हैं कि तिथि के पठन और श्रवण से मां लक्ष्मी की कृपा मिलती है। तिथि का क्या महत्व है और किस तिथि में कौन से कार्य कराना चाहिए या नहीं यह जानने से लाभ मिलता ह। पंचांग मुख्यतः पाँच भागों से बना है। ये पांच भाग हैं: तिथि, नक्षत्र, वार, योग और करण। यहां दैनिक पंचांग में आपको शुभ समय, राहुकाल, सूर्योदय और सूर्यास्त का समय, तिथि, करण, नक्षत्र, सूर्य और चंद्र ग्रह की स्थिति, हिंदू माह और पहलू आदि के बारे में जानकारी मिलती है।

डेमोक्रेटिक फ्रंट, आध्यात्मिक डेस्क – 19 अगस्त 22 :

नोटः आज श्रीकृष्ण जन्माष्टमी व्रत (वैष्णव) चन्द्रोय रात्रि 23.42 (मथुरा) एवं दूर्वाष्टमी व्रत है।

दूर्वाष्टमी व्रत : सनातन धर्म पंचांग के अनुसार, प्रत्येक माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को मासिक दुर्गाष्टमी मनाई जाती है। इस समय सावन माह चल रहा है और इस महीने की अष्टमी तिथि 05 अगस्त 2022 को है। हिंदू धर्म में दुर्गाष्टमी का बहुत ही ज्यादा महत्व है। नवरात्रि के अलावा हर माह की दुर्गाष्टमी खास होती है। दुर्गाष्टमी के दिन व्रत रखा जाता है और मां दुर्गा की विधि विधान से पूजा-अर्चना की जाती है। धार्मिक मान्यता है कि इस दिन पूरी श्रद्धा के साथ जो कोई भी व्यक्ति मां दुर्गा की उपासना करता है देवी मां दुर्गा उसकी सभी मनोकामनाएं पूरी करती हैं। साथ ही इस दिन पूजा से जीवन में चल रही किसी भी तरह की समस्या का समाधान निकल जाता है।

श्रीकृष्ण जन्माष्टमी व्रत (वैष्णव) : भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि 18 अगस्त 2022 गुरुवार की रात 9 बजकर 21 मिनट पर शुरू हो रही है।  अष्टमी तिथि की समाप्ति 19 अगस्त 2022 शुक्रवार की रात 10 बजकर 50 पर होगी। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार कृष्ण का जन्म मध्य रात्रि में हुआ था इस कारण ज्यादातर लोग जन्माष्टमी 18 अगस्त को मनाएंगे।

विक्रमी संवत्ः 2079, 

शक संवत्ः 1944, 

मासः भाद्रपद़, 

पक्षः कृष्ण, 

तिथिः अष्टमी रात्रि काल 11.00 तक है, 

वारः शुक्रवार, 

नक्षत्रः कृतिका रात्रि 01.53 तक है।

विशेषः आज पश्चिम दिशा की यात्रा न करें। शुक्रवार को अति आवश्यक होने पर सफेद चंदन, शंख, देशी घी का दान देकर यात्रा करें।

 योगः ध्रुव रात्रि 08.59 तक, 

करणः बालव, 

सूर्य राशिः सिंह, चंद्र राशिः मेष, 

राहु कालः प्रातः 10.30 बजे से दोपहर 12.00 बजे तक, 

सूर्योदयः 05.56, सूर्यास्तः 06.53 बजे।