हरियाणा विधानसभा का घेराव करने जा रहे नवीन जयहिंद को समर्थकों सहित पकड़ा
डेमोक्रेटिक फ्रंट संवाददाता, चंडीगढ़ – 09 अगस्त :
रियाणा स्टेट फार्मेसी काउंसिल में भ्रष्टाचार पर कार्रवाई के लिए नवीन जयहिंद ने अपने समर्थकों सहित हरियाणा विधानसभा का घेराव करने की कोशिश की, तो चंडीगढ़ पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया। कई घंटे तक नवीन जयहिंद सहित उन्हें समर्थकों को चंडीगढ़ सेक्टर 3 पुलिस थाने मेें बिठाकर रखा और देर शाम तक वह पुलिस थाने में हिरासत में रहे। नवीन जयहिंद ने कहा कि फार्मेसी काउंसिल में भ्रष्टाचार की जड़ प्रधान धनेश अदलखा को बचाने के लिए सरकारी मशीनरी का दुरुपयोग किया जा रहा है। मामले में मुख्य शिकायतकर्ता राजेश कौशिक ने बताया कि मैंने काउसिंल में व्याप्त भ्रष्टाचार का खुलासा किया। एक दलाल और काउंसिल का उपप्रधान सोहन लाल कंसल रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़े गए। हरियाणा राज्य चौकसी ब्यूरो ने मामले में प्रधान धनेश अदलखा और रजिस्ट्रार राजकुमार वर्मा के खिलाफ भ्रष्टाचार की विभिन्न धाराओं में केस दर्ज किया, लेकिन मामले में धनेश अदलखा और राजकुमार वर्मा को आज तक गिरफ्तार नहीं किया गया।
विधानसभा की तरफ कूच कर रहे आम आदमी पार्टी के नेता नवीन जयहिंद, रजेशा कौशिक जझझर, नवीन भूखड़, श्याम शर्मा, पवन (हांसी) को गिरफ्तार कर विधानसभा के सामने सेक्टर 3 चंडीगढ़ थाने में ले गए। राजेश कौशिक ने बताया कि उनके साथ फरयादी पवन जिसने डिप्लोमा इन फार्मेसी की रजिस्ट्रेशन हेतु हरियाणा स्टेट फार्मेसी कॉउंसिल में आवेदन किया था, लंबे समय तक रजिस्ट्रेशन न होने पर माननीय पंजाब हरियाणा कोर्ट में गुहार लगाई थी। न्यायधीश ने काउंसिल को आदेश दिए थे कि 45 दिन के अन्दर रजिस्ट्रेशन कर दें। बकौल पवन चेयरमैन धनेश अधलखा ने हाइ्रकोर्ट के आदेशों की कापी ही फाड़ दी। इतना ही नही 45 दिनों का समय निकल जाने के बाद भी रजिस्ट्रेशन नहीं की, जिससे दुखी होकर जहां अवमानना का मामला न्यायालय में विचाराधीन है। पवन ने हताश होकर आत्महत्या का प्रयास भी किया था। पवन व अन्य साथियों का कहना है कि जब विश्व भर में कहीं से भी शिक्षा ग्रहण करने का अधिकार है, तो काउंसिल प्रधान धनेश अदलखा नियमों से भी ऊपर है,जो प्रत्येक पढऩे वाले को फर्जी बता कर जीवन बर्बाद कर रहा है। हजारों आवेदकों के रजिस्ट्रेशन नवीकरण लंबित पड़े हैं।
2 जुलाई 2022 को विजिलेंस ने भ्रष्टाचार के मामले में एक दलाल को रंगे हाथों दबोचा और उसके बाद काउंसिल के उपप्रधान सोहन लाल कंसल को भी गिरफ्तार किया। एफआईआर में धनेश अदलखा व रजिस्ट्रार राजकुमार का भी नाम है, जो अभी तक पुलिस की गिरफ्त में नहीं किया। राज्य के स्वास्थ्य एवं गृह मंत्री अनिल विज ने एफआईआर में नाम आने पर उन्हें तुरन्त प्रभाव से सस्पेंड करने की सिफारिश की थी तथा काम बाधित न हो, अंतरिम व्यवस्था भी की। जिस पर मुख्यमंत्री ने अभी तक हस्ताक्षर ना कर फार्मासिस्टों के हकों पर पानी फेरते हुए भ्रष्टाचारियों को बचाने में कोई कोशिश नहीं की।