डिम्पल अरोड़ा, डेमोक्रेटिक फ्रंट, कालांवाली :
आज के डिजिटल युग में जहां लोग रूपये पैसे कमाने के लिए प्रत्यनशील है यहां तक की विदेश में भी जाकर काम करके पैसे कमाने में की होड़ सी लगी हुई है अथार्त चाहे आज के जमाने में बिना पैसे के कोई भी काम करने को तैयार नहीं, लेकिन बावजूद समाज में हमें ऐसे शख्स भी देखने को मिल जाते हैं जिन्हें समाज में कुछ नया करने का भी जुनून दिल में रहता है। इसके विपरीत कालांवाली की एक महिला निस्वार्थ भाव से नि:शुल्क सरकारी स्कूल के बच्चों को शिक्षित कर रही है। ‘अदब हरियाणा’ इस संबंध में जानकारी लेने के लिए क्षेत्र के गांव धर्मपुरा स्थित राजकीय मिडि
ल स्कूल में पहुंचा तो सुखविंद्र कौर बच्चों को पढ़ा रही थी। अध्यापक भिंदर सिंह के साथ कक्षा में गए तो आगे कक्षा छठी से आठवीं तक हिन्दी और पंजाबी विषय में विद्यार्थियों को निशुल्क एवं निस्वार्थ सेवा भाव से पढ़ा रही सुखविंद्र कौर के इस प्रयास को देखकर खुशी का ठिकाना नहीं रहा और सोचा कि क्यों न इसे समाचार पत्र में प्रकाशित कर समाज में एक प्रेरणादायी बनाए जाए ताकि अन्य पढ़े लिखे युवाओं और युवतियों में भी इस प्रकार से सरकरी स्कूलों में में अध्यापकों के रिक्त पड़े पदों के चलते बच्चों की पढाई प्रभावित हो रही है, उन बच्चों की पढ़ाई सुचारू रूप से करवाने केलिए अपने अपने गांवों के राजकीय विद्यालयों में निशुल्क और निस्वार्थ सेवा भाव से बच्चों को पढ़ाई करवाने की इच्छा प्रबल हो जाए जिससे हमारे ग्रामीण आंचल में राजकीय विद्यालयों में बिना अध्यापकों के बच्चों की पढ़ाई में रही कमी को पूरा किया जा सके।
हमने समाज सेवी सुखविंद्र कौर जिसकी ग्रामीणों एवं स्कूल स्टाफ की ओर से भी भूरि भूरि प्रशंसा की जा रही है। इस सबंध में जब सुखविंद्र कौर से बात की गई तो उन्होंने बताया कि प्रदेश में खासकर हमारे ग्रामीण आंचल में राजकीय विद्यालयों में स्टाफ की कमी के चलते विद्यार्थी ऐसे विषयों में ज्ञान प्राप्त न होने के चलते कमजोर रह जाते हैं। उन्होंने बताया कि इसी विद्यालय में उनके पति मुख्य अध्यापक भिंदर सिंह कार्यरत हैं, ने एक बार जब उन्होंने स्टाफ की कमी और बच्चों की पढ़ाई को लेकर चिंता जताते हुए कहा कि यदि आप भी हमारे विद्यालय में बच्चों को पढाई करवाने में सहयोग करे तो निशुल्क, निस्वार्थ सेवा भाव से बच्चों को पढ़ाकर वह एक पुण्य की भागी बन सकती है जिस पर सुखविंद्र कौर ने इस नेक कार्य करने के लिए राजी हो गई । इजसके बाद अगले दिन जब सुखविंद्र कौर ने व
अध्यापक भिन्दर सिंह ने विद्यालय में पहुंच कर इस सबंध में स्टाफ से बात की तो स्टाफ सदस्यों ने खुशी जताते हुए उन्हें यह सेवा करने का अवसर प्रदान किया गया।
जनवरी 2022 से वह विद्यालय में रूटीन में समय पर पहुंच कर विद्यार्थियों को हिन्दी और पंजाबी विषय में पढ़ाई करवा रही है वहीं अभिभावकों सहित बच्चे भी उनके द्वारा करवाई जा रही पढ़ाई से खुश हैं। सुखविंद्र कौर का कहना है कि वह पढ़ी लिखी है सरकारी नौकरी करने की भी तमन्ना थी लेकिन कोई सरकारी नौकरी न मिलने के बावजूद भी वह घर पर ही अपने घरेलू काम काज में व्यस्त रहते हुए भी जिंदगी में कुछ नया करने की दिली इच्छा से उसने धर्मपुरा राजकीय मिडिल स्कूल में निशुल्क और निस्वार्थ सेवा भावना से रोजाना बच्चों को पढ़ाई करवा रही है, जिससे मन को सुकून मिलता है।