श्री राम का चरित्र और जीवन संघर्ष हमें धीरज साहस और संयम सिखाता है : स्वरूप दास महाराज
कालावाली वरिन्दर जिन्दल, डेमोक्रेटिक फ्रंट, कालावाली :
श्री अखंड ज्योति संकट मोचन हनुमान मंदिर ओढ़ा में दुर्लभ सत्संग एवं श्री राम कथा का भव्य आयोजन शनिवार को प्रारम्भ हुआ। जिसमें ऋषिकेश से पधारे स्वरूप दास जी महाराज ने अपनी मधुर वाणी से श्री राम कथा करते हुए कहा कि भगवान श्री राम का जन्म एक्स त्रेता युग में चैत की नवमी को अयोध्या में हुआ। इसलिए सभी लोग को बड़े हर्षोउल्लास से मनाते है। उन्होनें कहा कि राम केवल एक नाम भर नहीं बल्कि वो जन जन के कंठहार है। वे मन प्राण एवं जीवन का आधार है। श्री राम का चरित्र और जीवन संघर्ष हमें धीरज, साहस और संयम सिखाता है। महाराज जी ने आगे कहा कि मनुष्य का सुधार तब होगा जब वह अपनी अहंता को बदलेगा और अहंता में यह बात बैठ जाए कि मैं साधक हूं। साधक उसे कहते है जहां अपनी गलती अथवा भूल दिखाई दे उसका सुधार करे। इस अवसर वृंदावन से पधारी बहन साध्वी सुजाता कृष्ण चंद्रदेव ने भजन
गोविन्द चले आओ, गोपाल चले आओ।
आंखों में बसे हो तुम गोविन्द चले आओ। इस अवसर पर प्रधान पवन बेनीवाल, पूर्व प्रधान जोत राम शर्मा, रामप्रताप गोदारा, दलीप सोनी, नाजर सिंह कुंडर, नूहियांवाली, सुरजभान कालांवाली, देश राज शर्मा, साधु राम सिरसा, पुजारी महिंदर शर्मा सहित अनेक महिला पुरुष उपस्थित रहें।