पंचांग, 25 जुलाई 2022
पंचांग का पठन एवं श्रवण अति शुभ माना जाता है। माना जाता है कि भगवान श्रीराम भी पंचांग का श्रवण करते थे। शास्त्र कहते हैं कि तिथि के पठन और श्रवण से मां लक्ष्मी की कृपा मिलती है। तिथि का क्या महत्व है और किस तिथि में कौन से कार्य कराना चाहिए या नहीं यह जानने से लाभ मिलता ह। पंचांग मुख्यतः पाँच भागों से बना है। ये पांच भाग हैं: तिथि, नक्षत्र, वार, योग और करण। यहां दैनिक पंचांग में आपको शुभ समय, राहुकाल, सूर्योदय और सूर्यास्त का समय, तिथि, करण, नक्षत्र, सूर्य और चंद्र ग्रह की स्थिति, हिंदू माह और पहलू आदि के बारे में जानकारी मिलती है।
नोटः आज सोम प्रदोष व्रत है। ध्रुव योग अपराह्न 03 बजकर 03 मिनट तक उपरांत व्याघात योग का आरंभ, तैतिल करण सायं 04 बजकर 16 मिनट तक उपरांत वणिज करण का आरंभ। चंद्रमा पूर्वाह्न 11 बजकर 33 मिनट तक वृष उपरांत मिथुन राशि पर संचार करेगा। सावन सोम प्रदोष व्रत।
विक्रमी संवत्ः 2079,
शक संवत्ः 1944,
मासः श्रावण़,
पक्षः कृष्ण,
तिथिः द्वादशी सांय 04.16 तक है,
वारः सोमवार,
नक्षत्रः मृगशिरा रात्रि 01.06 तक है,
योगः धु्रव अपराहन् 03.03 तक।
विशेषः आज पूर्व दिशा की यात्रा न करें। अति आवश्यक होने पर सोमवार को दर्पण देखकर, दही,शंख, मोती, चावल, दूध का दान देकर यात्रा करें।
करणः तैतिल,
सूर्य राशिः कर्क, चंद्र राशिः वृष,
राहु कालः प्रातः 7.30 से प्रातः 9.00 बजे तक,
सूर्योदयः 05.42, सूर्यास्तः 07.12 बजे।