विधायकों के बाद अब सांसदों ने दिया उद्धव ठाकरे को झटका
शिवसेना ने सोमवार को अपने मुखपत्र ‘सामना’ में छपे एक संपादकीय में शिंदे और फडणवीस की तुलना फिल्म ‘एक दूजे के लिए’ के प्रमुख पात्रों ‘वासु और सपना’ से करते हुए कहा कि दो सदस्यीय सरकार ‘असामान्य प्रयोग’ और ‘राजनीतिक परिवार नियोजन’ है। शिवसेना के उद्धव ठाकरे नीत धड़े ने जोर देते हुए कहा है कि शिंदे-फडणवीस सरकार अवैध है, क्योंकि बागी विधायकों को अयोग्य करार दिये जाने की याचिका उच्चतम न्यायालय में लंबित है। ठाकरे नीत खेमे ने इस महीने की शुरुआत में राज्यपाल से यह भी कहा था कि किसी मंत्री को शपथ नहीं दिलाई जाए, क्योंकि शीर्ष अदालत ने अयोग्य करार देने की याचिका पर अभी तक फैसला नहीं लिया है।
मुंबई(ब्यूरो), डेमोक्रेटिक फ्रंट, मुंबई :
राष्ट्रपति चुनाव के लिए आज वोटिंग हो रही थे, सुबह 10 बजे से ही संसद और सभी राज्यों की विधानसभाओं में विधायक, लोकसभा और राज्यसभा सांसद अपना मत डाल रहे हैं। यूपी में भी राष्ट्रपति चुनाव को लेकर वोटिंग हो रही है। इस बीच यूपी विधानसभा से एक ऐसी तस्वीर सामने आई जिससे सियासी गलियारों में हलचल मच गई। समाजवादी पार्टी से नाराज चल रहे सुभासपा अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर इस दौरान यूपी के डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक के साथ नजर आए।
रिपोर्ट के मुताबिक, रामदास कदम पार्टी की सदस्यता से अपना इस्तीफा उद्धव ठाकरे के आवास मातोश्री भेज चुके हैं। इससे पहले उनके बेटे और विधायक योगेश कदम गुवाहाटी जाकर शिंदे खेमे के साथ जुड़ गए थे। मालूम हो कि रामदास कदम महाराष्ट्र में नेता प्रतिपक्ष रहे हैं। वे फडणवीस की गठबंधन सरकार में मंत्री भी बनाए गए थे।
यह खबर ऐसे समय सामने आई है जब उद्धव ठाकरे ने पूरे महाराष्ट्र में बड़े स्तर पर नए पदाधिकारियों की नियुक्ति की है। उन्होंने मुंबई, पालघर, यवतमाल, अमरावती समेत कई अन्य जिलों में 100 से ज्यादा पदाधिकारी नियुक्त किए हैं। इस दौरान उप विभाग प्रमुख और शाखा प्रमुख पदों पर बड़ी स्तर पर नए चेहरे लाए गए हैं। पार्टी ने अपने मुखपत्र सामना में नई नियुक्तियों की घोषणा की है।
वहीं, सुप्रीम कोर्ट महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और शिवसेना के 14 अन्य विधायकों (विधान सभा के सदस्य) की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई के लिए तैयार हो गया है। इस याचिका में विधानसभा के उपाध्यक्ष की ओर से शुरू की गई अयोग्यता कार्यवाही को चुनौती दी गई है।
सुप्रीम कोर्ट उस दिन पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाले शिवसेना समूह की ओर से दायर याचिका पर उस याचिका पर भी सुनवाई करेगी, जिसमें एकनाथ शिंदे गुट की ओर से शिवसेना के मुख्य सचेतक के रूप में नामित व्हिप को मान्यता देने के फैसले को चुनौती दी गई है।