पंचांग, 12 जुलाई 2022
पंचांग का पठन एवं श्रवण अति शुभ माना जाता है। माना जाता है कि भगवान श्रीराम भी पंचांग का श्रवण करते थे। शास्त्र कहते हैं कि तिथि के पठन और श्रवण से मां लक्ष्मी की कृपा मिलती है। तिथि का क्या महत्व है और किस तिथि में कौन से कार्य कराना चाहिए या नहीं यह जानने से लाभ मिलता ह। पंचांग मुख्यतः पाँच भागों से बना है। ये पांच भाग हैं: तिथि, नक्षत्र, वार, योग और करण। यहां दैनिक पंचांग में आपको शुभ समय, राहुकाल, सूर्योदय और सूर्यास्त का समय, तिथि, करण, नक्षत्र, सूर्य और चंद्र ग्रह की स्थिति, हिंदू माह और पहलू आदि के बारे में जानकारी मिलती है।
नोटः चतुर्दशी तिथि का क्षय है। सूर्योदय के पश्चात प्रारंभ होकर अगले दिन सूर्योदय से पूर्व समाप्त होने वाली तिथि ‘क्षय तिथि’ कहलाती है | इसे ‘तिथि क्षय’ भी कहते हैं | यह तिथि सभी मुहूर्तों के लिए छोड़ दी जाती है |
विक्रमी संवत्ः 2079,
शक संवत्ः 1944,
मासः आषाढ़,
पक्षः शुक्ल,
तिथिः त्रयोदशी प्रातः 07.47 तक है,
वारः मंगलवार,
नक्षत्रः मूल रात्रि 02.22 तक है,
योगः ब्रह्म सांय 04.59 तक।
विशेषः आज उत्तर दिशा की यात्रा न करें। अति आवश्यक होने पर मंगलवार को धनिया खाकर, लाल चंदन,मलयागिरि चंदन का दानकर यात्रा करें।
करणः तैतिल,
सूर्य राशिः मिथुन, चंद्र राशिः धनु,
राहु कालः अपराहन् 3.00 से 4.30 बजे तक,
सूर्योदयः 05.36, सूर्यास्तः 07.18 बजे।