बाहुड़ा यात्रा: घर लौटे भगवान जगन्नाथ
बाहुड़ा यात्रा हुई संपन्न, बलभद्र और सुभद्रा संग श्री जगन्नाथ मौसी के घर से लौटे वापस
चंडीगढ़ संवाददाता, डेमोक्रेटिक फ्रंट, चंडीगढ़, 9 जुलाई :
उत्कल सांस्कृतिक संघ जगन्नाथ मंदिर सेक्टर 31 स्थित गुंडीचा मंदिर से नौ दिन के बाद भगवान जगन्नाथ, भाई बलभद्र एवं बहन सुभद्रा के साथ बाहुड़ा कर श्री मंदिर लौटे। तुलसी व चन्दन जल का छिड़काव कर रथ के चारों ऑर झाडू लगाकर छेरा पोंहरा का रस्म अदा किया। वहीं, पुजारी गौतम पंडा, मिहिर मिश्र, संतोष द्वारा वैदिक मंत्रोच्चारण कर पूजा विधि संपन्न की। इस दौरान घंटा, झाल, शंख और ‘हरि बोल’ के उच्चारण के बीच देवताओं को गुंडिचा मंदिर से बाहर लाया गया और उन्हें ‘पहंडी’ जुलूस के जरिए रथ पर ले जाया गया।
बता दें कि बहुदा यात्रा 12 वीं शताब्दी के जगन्नाथ मंदिर के गर्भगृह में भगवान बलभद्र, देवी सुभद्रा और भगवान जगन्नाथ की वापसी का प्रतीक है, जिसे नीलाद्री बीज कहा जाता है।
उत्कल सांस्कृतिक संघ के सांस्कृतिक सचिव अनिल मालिक के अनुसार हेरा पंचमी की एक परंपरा में भगवान को ढूंढ़ते हुए देवी लक्ष्मी गुंडिचा मंदिर जाती हैं। यहां किसी बात से गुस्सा होकर भगवान के रथ का एक पहिया तोड़कर श्रीमंदिर चली आती हैं। द्वादशी पर श्रीमंदिर में लक्ष्मी जी के निर्देश से द्वैतापति दरवाजा बंद कर देते हैं फिर भगवान जगन्नाथ लक्ष्मी जी को मनाकर मंदिर में प्रवेश करते हैं।
भक्तों को दर्शन देने के बाद मौसी के घर रुके थे प्रभु
पारंपरिक कथानुसार भगवान औषधीयुक्त काढ़ा पीकर स्वस्थ होते और भक्तों को दर्शन देने मंदिर से निकलते हैं। इसके बाद देर रात अपनी मौसी के यहां पहुंचते है। यहां भगवान करीब 8 दिनों तक मौसी के घर रहने के बाद वापस मंदिर लौटते हैं।
9 जुलाई को भगवान की मंदिर में वापसी हुई। ज्ञात हो कि 24 जून को स्नान करने के बाद भगवान बीमार हो गए थे, इसके बाद स्वास्थ्य को ठीक करने के लिए काढ़ा पिलाया गया। 30 को स्वस्थ हुए और 1 जुलाई को दर्शन के लिए मंदिर से बाहर निकले थे और भक्तों ने रथयात्रा पर्व मनाया। मंदिर में कल भगवान जगन्नाथ बहन सुभद्रा व भाई बलभद्र के सोना वेश दर्शन की तयारी चल रही है।
निद्रा में रहेंगे भगवान, मांगलिक कार्यों पर ब्रेक
मौसी के घर से वापस भगवान मंदिर के गर्भगृह में विराजित होंगे। इसके बाद वे निंद्रा में रहेंगे। बता दें कि वे जब तक निंद्रा में रहेंगे मांगलिक कार्यक्रम का आयोजन नहीं होगा। इसके लिए उनके उठने का इंतजार करना होगा। भगवान देव उठानी एकादशी के दिन उठेंगे। उसी दिन से मांगलिक कार्य शुरू होंगे।
इस अवसर पर विशेष तौर पर संस्था के वाइस चेयरमैन एसके भुयान व अध्यक्ष एसएस पटनायक उपाध्यक्ष ब्रजा कुमार, सुशांत कुमार नायक, अरुण कुमार, सह सचिव बसंत कुमार दास, सदस्य पीएन मलिक, दिवाकर जी, कोषाध्यक्ष दीपक कुमार मौजूद रहे।