पंचांग, 06 जुलाई 2022
पंचांग का पठन एवं श्रवण अति शुभ माना जाता है। माना जाता है कि भगवान श्रीराम भी पंचांग का श्रवण करते थे। शास्त्र कहते हैं कि तिथि के पठन और श्रवण से मां लक्ष्मी की कृपा मिलती है। तिथि का क्या महत्व है और किस तिथि में कौन से कार्य कराना चाहिए या नहीं यह जानने से लाभ मिलता ह। पंचांग मुख्यतः पाँच भागों से बना है। ये पांच भाग हैं: तिथि, नक्षत्र, वार, योग और करण। यहां दैनिक पंचांग में आपको शुभ समय, राहुकाल, सूर्योदय और सूर्यास्त का समय, तिथि, करण, नक्षत्र, सूर्य और चंद्र ग्रह की स्थिति, हिंदू माह और पहलू आदि के बारे में जानकारी मिलती है।
नोटः आज विवस्वत सप्तमी है। सूर्य पुराण के अनुसार आषाढ़ मास में शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को भगवान सूर्यदेव के वरूण रूप की पूजा करने का विधान है। इस बार ये तिथि 06 जुलाई, बुधवार को रहेगी। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, सूर्यदेव की पूजा करने से व्यक्ति को लंबी आयु, आरोग्य, धन-धान्य में बढ़ोत्तरी, यश-कीर्ति, विद्या, भाग्य और पुत्र, मित्र व पत्नी का सहयोग प्राप्त होता है। कहा जाता है कि जो भी व्यक्ति सच्ची निष्ठा और श्रद्धाभाव से व्रत रखकर भगवान सूर्य की पूजा करता है उसकी सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
विक्रमी संवत्ः 2079,
शक संवत्ः 1944,
मासः आषाढ़,
पक्षः शुक्ल,
तिथिः सप्तमी सांय 07.49 तक है,
वारः बुधवार,
नक्षत्रः उत्तराफाल्गुनी प्रातः 11.44 तक है,
योगः वरीयान प्रातः 11.42 तक।
विशेषः आज उत्तर दिशा की यात्रा न करें। अति आवश्यक होने पर बुधवार को राई का दान, लाल सरसों का दान देकर यात्रा करें।
करणः गर,
सूर्य राशिः मिथुन, चंद्र राशिः कन्या,
राहु कालः दोपहर 12.00 बजे से 1.30 बजे तक,
सूर्योदयः 05.33, सूर्यास्तः 07.19 बजे।