पिछले वर्ष के मुकाबले इस वर्ष पहली कक्षा में हुए रिकॉर्ड दाखिले
कुल 73878 छात्रों का हुआ पहली कक्षा में दाखिला
पिछले वर्ष के मुकाबले करीब पच्चीस हजार ज्यादा छात्रों ने लिया दाखिला
छात्रों का सरकारी स्कूलों में बढ़ रहा भरोसा
बाकी कक्षाओं में भी बढ़ रहा रुझान
प्रदेश के सरकारी स्कूलों में सरकार और शिक्षा विभाग की पढ़ाई को लेकर बनाई जा रही नीतियों और योजनाओं का असर अब धरातल पर नजर आने लगा है।चाहे संस्कृति मॉडल स्कूलों की संख्या बढ़ाने की बात हो या स्मार्ट क्लासरूम की बात करें,प्रदेश के लगभग सभी सरकारी स्कूलों में इस बार पहली कक्षा के दाखिलों में भारी इजाफ़ा हुआ है।शिक्षा विभाग के प्रवक्ता की ओर से प्राप्त जानकारी के मुताबिक इस बार पिछले वर्ष की तुलना में करीब 24 हजार बच्चों के नए दाखिले हुए जो कि अपने आप मे ना केवल रेकॉर्ड है बल्कि अभिभावकों और छात्रों का सरकारी स्कूलों पर जो विश्वास बढ़ा उसका एक जीता जागता साक्ष्य भी है।पिछले वर्ष पहली कक्षा में कुल 49003 दाखिले हुए थे जबकि इस बार करीब 74 हजार नए दाखिले हुए हैं।दाखिलों की जिलावार संख्या इस प्रकार है
हालांकि इस बार सरकारी स्कूल में दाखिले की प्रक्रिया में परिवार पहचान पत्र को अनिवार्य करने की योजना शुरू की गई है जिसके चलते शुरुआत में एमआईएस पर डेटा अपलोड में कुछ समय लग रहा है,लेकिन मैन्युअल तौर पर स्कूलों में बड़े स्तर पर दाखिले किये जा रहे है और अभी भी दाखिले की प्रक्रिया निरन्तर जारी है।
फिलहाल विभाग की प्राइमरी कक्षाओं में स्मार्टक्लास रूम ,इंग्लिश मीडियम या फिर जोयफुल्ल एक्टिविटी और पढाई से अलग दूसरी गतिविधियां कराई जा रही है ताकि बच्चों का सर्वांगीण विकास हो सके।इन सब गतिविधियों और विभाग की अथक प्रयासों का नतीजा है कि अब अभिभावक बड़ी संख्या में सरकारी स्कूल की ओर रुख कर रहे हैं।