सत्येंद्र जैन को 9 जून तक हिरासत में भेजा, अरविंद केजरी वाल ने इसे एक सियासी चाल बताया

मनी लॉन्ड्रिंग बड़ी मात्रा में अवैध पैसे को वैध पैसा बनाने की प्रक्रिया है। सीधे शब्दों में कहें तो ब्लैक मनी को वाइट करने को मनी लॉन्ड्रिंग कहते हैं। ब्लैक मनी वो पैसा है, जिसकी कमाई का कोई स्रोत नहीं होता, यानी उस पर कोई टैक्स नहीं दिया गया है। मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में ऐसा लगता है कि पैसा किसी लीगल सोर्स से आया है, लेकिन वास्तव में पैसे का मूल सोर्स कोई आपराधिक या अवैध गतिविधि होती है। धोखेबाज इस प्रोसेस का इस्तेमाल अवैध रूप से इकट्ठा पैसे को छिपाने के लिए करते हैं। सीधे शब्दों में कहें तो मनी लॉन्ड्रिंग पैसे के सोर्स को छुपाने की प्रोसेस है, जो अक्सर अवैध गतिविधियों जैसे ड्रग्स की तस्करी, भ्रष्टाचार, गबन या जुए से मिलता है। यानी अवैध तरीके से मिले पैसे को एक वैध स्रोत में परिवर्तित करने की प्रक्रिया को ही मनी लॉन्ड्रिंग कहते हैं। मनी लॉन्ड्रिंग के जरिए ड्रग डीलर से लेकर बिजनेसमैन, भष्ट अधिकारी, माफिया, नेता तक करोड़ों से लेकर अरबों रुपए तक के फ्रॉड करते हैं। भाजपा से हर राज्य में बुरी तरह हारे हुए अरविंद केजरीवाल ने कहा कि मैंने जैन के मामले पर गौर किया है। यह पूरी तरह से फर्जी और राजनीति से प्रेरित है।

Satyendar Jain: Arvind Kejriwal's Man Friday or Tainted Politician?
  • अरविंद केजरीवाल ने ईडी की कार्रवाई को फर्जी करार दिया
  • यह सत्येंद्र जैन के खिलाफ धोखाधड़ी है : अरविंद केजरीवाल
  • हम कट्टर देशभक्त हैं :केजरीवाल
  • मैंने खुद उनके कागजात देखे हैं :अरविंद केजरीवाल
  • उन पर लगे आरोप फर्जी हैं :केजरीवाल
  • सतेन्द्र जैन की राजनीति को देखते हुए गिरफ्तार किया गया है : अरविंद केजरीवाल

नई दिल्ली(ब्यूरो)  

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन का बचाव किया है। उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर ईडी की कार्रवाई को फर्जी करार दिया है। उन्होंने कहा है कि यह सत्येंद्र जैन के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला है। हम कट्टर देशभक्त हैं, सिर कटा सकते हैं लेकिन देश के साथ कभी विश्वासघात नहीं कर सकते। मैंने खुद उनके कागजात देखे हैं। उन पर लगे आरोप फर्जी हैं। उन्हें राजनीति को देखते हुए गिरफ्तार किया गया है। दरअसल, ईडी ने रविवार को सत्येन्द्र जैन को गिरफ्तार किया था। इसके बाद आज उन्हें दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट में पेश किया गया। सुनवाई के बाद राउज एवेन्यू कोर्ट ने सत्येंद्र जैन को 9 जून तक ईडी की कस्टडी में भेजने का आदेश दिया है।

वहीं, कल उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने बचाव करते हुए कहा था कि स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन को आठ साल पुराने ‘फर्जी’ मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने गिरफ्तार किया है, क्योंकि वह हिमाचल प्रदेश चुनाव के लिए आम आदमी पार्टी के प्रभारी हैं और भाजपा को वहां चुनाव हारने का डर है। सिसोदिया ने एक ट्वीट में कहा, ‘‘सत्येंद्र जैन के खिलाफ आठ साल से एक फर्जी मामला चलाया जा रहा है. अभी तक कई बार ईडी बुला चुकी है। बीच में कई साल ईडी ने बुलाना भी बंद कर दिया था, क्योंकि उन्हें कुछ मिला ही नहीं। अब फिर शुरू कर दिया क्योंकि सत्येंद्र जैन हिमाचल के चुनाव प्रभारी हैं। ’’

सतेंद्र जैन पर कोलकाता की एक कंपनी से जुड़े हवाला लेन-देन का आरोप है। ईडी की तरफ से तुषार मेहता ने कोर्ट को जानकारी दी कि फरवरी 2015 से मई 2017 के बीच पैसों का लेनदेन किया गया। ईडी ने कहा कि हमारे पास यह जानकारी भी है कि कैसे हवाला में पैसा लगाया गया और दिल्ली से कोलकाता पैसा कैसे भेजा गया। जिन फर्जी कंपनियों का सहारा लिया है, वह कोलकता से संबंधित हैं।

इससे पहले अप्रैल में भी प्रवर्तन निदेशालय द्वारा मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जैन के परिवार और कंपनियों की 4.81 करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क की गई थी, जिसके बाद दिल्ली भाजपा के नेताओं और कार्यकर्ताओं ने आआपा (आम आदमी पार्टी) सरकार में मंत्री सत्येंद्र जैन के खिलाफ जंतर-मंतर पर धरना दिया और जैन को बर्खास्त करने की मांग की थी। गिरफ्तारी के बाद से ही भाजपा और अन्य पार्टियों आम आदमी पार्टी पर हमलावर हो गई हैं। 

केजरीवाल ने कहा कि मैंने जैन के मामले पर गौर किया है। यह पूरी तरह से फर्जी और राजनीति से प्रेरित है। उन्हें जानबूझकर फंसाया गया है। उन्होंने कहा कि हमें न्यायपालिका पर भूरा भरोसा है। जैन सत्य के मार्ग पर चल रहे हैं और पाक साफ साबित होंगे। बता दें कि, पंजाब विधानसभा चुनाव से पहले जनवरी में ही केजरीवाल ने कहा था कि उन्हें सूत्रों से पता चला है कि ईडी द्वारा सत्येन्द्र जैन को गिरफ्तार किया जा सकता है।

ईडी की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के 2017 के एक मामले पर आधारित है, जिसमें यह आरोप लगाया गया था कि ‘आप’ नेता और उनकी पत्नी पूनम जैन ने फरवरी 2015 और मई 2017 के बीच ₹1.47 करोड़ की आय से अधिक संपत्ति अर्जित की थी। यह उनकी आय के ज्ञात स्रोतों के दोगुने से भी अधिक थी।