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पंचांग, 28 मई 2022

पंचांग का पठन एवं श्रवण अति शुभ माना जाता है। माना जाता है कि भगवान श्रीराम भी पंचांग का श्रवण करते थे। शास्त्र कहते हैं कि तिथि के पठन और श्रवण से मां लक्ष्मी की कृपा मिलती है। तिथि का क्या महत्व है और किस तिथि में कौन से कार्य करान चाहिए या नहीं यह जानने से लाभ मिलता ह। पंचांग मुख्यतः पाँच भागों से बना है। ये पांच भाग हैं: तिथि, नक्षत्र, वार, योग और करण। यहां दैनिक पंचांग में आपको शुभ समय, राहुकाल, सूर्योदय और सूर्यास्त का समय, तिथि, करण, नक्षत्र, सूर्य और चंद्र ग्रह की स्थिति, हिंदू माह और पहलू आदि के बारे में जानकारी मिलती है।

नोटः आज मासशिवरात्रि व्रत तथा सावित्री चौदश है।

विक्रमी संवत्ः 2079, 

शक संवत्ः 1944, 

मासः ज्येष्ठ़, 

पक्षः कृष्ण

तिथिः त्रयोदशी दोपहरः 01.10 तक है,

 वारः शनिवार, 

नक्षत्रः भरणी अरूणोदयकाल 04.39 तक है, 

योगः शोभन रात्रि 10.22 तक, 

विशेषः आज पूर्व दिशा की यात्रा न करें। शनिवार को देशी घी, गुड़, सरसों का तेल का दानदेकर यात्रा करें।

करणः वणिज, 

राहु कालः प्रातः 9.00 बजे से प्रातः 10.30 तक, 

सूर्य राशिः वृष,  चंद्र राशिः मेष, 

सूर्योदयः 05.28,  सूर्यास्तः 07.09 बजे।