गुजरात, पंजाब के बाद क्या हरियाणा में कांग्रेस की तीसरी विकट गिरने वाली है
हरियाणा कांग्रेस में एक बार फिर से बगावत के सुर सामने आ रहे हैं। पूर्व सांसद कुलदीप बिश्नोई ने अपने बगावती तेवर से कांग्रेस पार्टी को सकते में डाल दिया है। एचपीसीसी के आला अधिकारियों में जगह न मिलने से बिश्नोई नाराज हैं. उनका हरियाणा कांग्रेस के साथ टकराव बना हुआ है। कई मौके ऐसे आए, जब कभी कुलदीप तो कभी उनके बेटे भव्य बिश्नोई के भगवा रंग में रंग जाने की खबरें उड़ीं, लेकिन राजनीति के धुरंधर खिलाड़ी कुलदीप ने अपने समर्थकों को विश्वास में लिए बिना कोई कदम आगे नहीं बढ़ाया। अब, राजनीतिक कयास और भी अधिक तेज हो गए, जब कुलदीप ने सीएम से मुलाकात कर आने के तुरंत बाद हिसार में रविवार को सभी 90 विधानसभा क्षेत्रों के अपने खास समर्थकों की बैठक बुलाई।
मुख्यमंत्री मनोहर लाल से कांग्रेस नेता कुलदीप बिश्नोई ने की मुलाकात। गुजरात, पंजाब के बाद क्या हरियाणा में कांग्रेस की तीसरी विकट गिरने वाली है
- सुनील जाखड़
- हार्दिक पटेल
- कुलदीप बिश्नोई
कोरल ‘पुरनूर’, डेमोक्रेटिक फ्रंट, प्पंचकुला :
कांग्रेस केंद्रीय कार्यसमिति सदस्य एवं आदमपुर से विधायक कुलदीप बिश्नोई ने गुरुवार को चंडीगढ़ आवास पर मुख्यमंत्री मनोहर लाल से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने आदमपुर में विकास परियोजनाओं बारे उनके साथ विस्तार से चर्चा की। हरियाणा कांग्रेस के अंदरूनी सूत्रों का कहना है कि इस बात के संकेत हैं कि अगर बिश्नोई को नहीं मनाया गया, तो वह ऐसा कदम भी उठा सकते हैं, जिससे कांग्रेस को नुकसान हो सकता है। जिससे अक्टूबर 2024 में होने वाले विधानसभा चुनाव में पार्टी को इसका खामियाजा भुगतना पड़ सकता है।
पंजाब की तरह हरियाणा कांग्रेस की आंतरिक कलह से जूझ रही है। हरियाणा कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कुलदीप बिश्नोई बागी तेवर अपना रखे हैं। कहा जा रहा है कि बिशनोई हरियाणा के नए प्रदेश अध्यक्ष के चुनाव खुश नहीं है। प्रदेश अध्यक्ष उदय भान हुड्डा के खेमे के माने जाते हैं। दिल्ली में राहुल गांधी, भूपिंदर सिंह हुड्डा और उदय भान ने अपनी नई टीम के साथ मुलाकात की है।
नाराजगी का आलम यह है कि बिश्नोई इस घोषणा के बाद से पार्टी के कार्यक्रमों में भाग नहीं भी नहीं ले रहे हैं। 4 मई को पार्टी मुख्यालय में आयोजित उस कार्यक्रम में भी वह शामिल नहीं हुए जिसमें उदय भान और हरियाणा कांग्रेस के चार कार्यकारी अध्यक्षों को नई जिम्मेदारी दी गई थी।
हरियाणा कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष का पद मिलाने का दर्द आदमपुर से कांग्रेस विधायक कुलदीप बिश्नोई की जुबां पर आखिरकार आ ही गया। कुलदीप बिश्नोई ने शुक्रवार को एक ट्वीट लिखा कि थोड़ा डूबूंगा, मगर मैं फिर तैर आऊंगा, ऐ जिंदगी, तू देख मैं फिर जीत जाऊंगा। अध्यक्ष न बन पाने के कारण उनका यमुनानगर में होने वाला जन जागरण अभियान भी स्थगित हो गया है। कुलदीप के समर्थक निराश होकर उनके नए संदेश का इंतजार कर रहे हैं।
हरियाणा कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष का पद कुलदीप बिश्नोई को न मिलने पर उनके समर्थकों में रोष था, लेकिन बुधवार को कुलदीप ने ट्वीट करके संयम बरतने के लिए कहा है। कुलदीप ने ट्वीट किया कि साथियों, आप सबके संदेश सोशल मीडिया पर पढ़ रहा हूं। आपका अपार प्यार देखकर अत्यंत भावुक हूं, लेकिन मेरी सब से प्रार्थना है कि जब तक मैं राहुल जी से जवाब न मांग लूं, हमें कोई कदम नहीं उठाना है। अगर मेरे प्रति आपके मन में स्नेह है तो संयम रखें।
आदमपुर से विधायक बिश्नोई हाल के दिनों में अपने गृह क्षेत्र और उसके आसपास जनसभाएं कर रहे हैं। अपने निर्वाचन क्षेत्र में से संबंधित मुद्दों को उठाने के लिए भाजपा नेता और सीएम मनोहर लाल खट्टर से भी मुलाकात की है। हरियाणा कांग्रेस के अंदरूनी सूत्रों का कहना है कि इस बात के संकेत हैं कि अगर बिश्नोई को नहीं मनाया गया तो वह ऐसा कदम भी उठा सकते हैं जिससे कांग्रेस को नुकसान हो सकता है। जिससे अक्टूबर 2024 में होने वाले विधानसभा चुनाव में पार्टी को इसका खामियाजा भुगतना पड़ सकता है।
बिश्नोई गैर-जाट नेता के तौर पर जाने जाते जबकि राज्य कांग्रेस में भूपेंद्र हुड्डा, उनके बेटे दीपेंद्र हुड्डा और रणदीप सिंह सुरजेवाला जैसे जाट नेताओं का वर्चस्व है। वहीं भान दलित समुदाय से संबेध रखते हैं। बिश्नोई अखिल भारतीय बिश्नोई महासभा के संरक्षक भी हैं। 25 अप्रैल को हिसार में अपने समुदाय की एक बैठक को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा था कि उनके आलोचकों के साथ उनके राजनीतिक मतभेद हो सकते हैं, लेकिन सामाजिक मतभेद नहीं।
बिश्नोई को उम्मीद थी कि नई टीम में उन्हें जगह मिलेगी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ और शायद इसी वजह से वो नाराज भी है। कुलदीप ने राहुल गांधी से मिलने के लिए समय भी मांगा है, लेकिन यह मीटिंग अभी तक नहीं हो पाई है। नई टीम की घोषणा के तुरंत बाद, बिश्नोई ने कहा था कि वह राहुल गांधी से मिलने के बाद अपने भविष्य को लेकर कोई अगला कदम उठाएंगे। बिश्नोई हुड्डा के आलोचक रहे हैं। 2007 में तत्कालीन सीएम हुड्डा से खींचतान के बाद उनको पार्टी से बाहर कर दिया गया था।
बिश्नोई की नाराजगी के बारे में पूछे जाने पर हरियाणा के एआईसीसी प्रभारी विवेक बंसल ने कहा- “यह सब जल्द ही सुलझा लिया जाएगा, मैं बिश्नोई के संपर्क में हूं।” बंसल ने यह भी कहा कि आने वाले दिनों में कांग्रेस की जिला और ब्लॉक इकाइयों के गठन के लिए इन स्तरों पर संगठनात्मक चुनाव कराना पार्टी की प्राथमिकता होगी।
इससे पहले पंजाब कांग्रेस के पूर्व प्रमुख सुनील जाखड़ ने पिछले शनिवार को नाटकीय अंदाज में पार्टी से नाता तोड़ लिया था। उन्होंने ये इस्तीफा तब दिया जब उदयपुर में कांग्रेस का चिंतन शिविर चल रहा था। उसी तरह चिंतन शिविर में शामिल न होते हहुए गुजरात के कार्यकारिणी प्रदेशाध्यक्ष ‘हार्दिक पटेल ने मंगलवार को इस्तीफा दे दिया था। अब तीसरी ‘विकेट’ के गिरने की भी उम्मीद जाग रही है।