पंचांग 13 मई 2022
पंचांग का पठन एवं श्रवण अति शुभ माना जाता है। माना जाता है कि भगवान श्रीराम भी पंचांग का श्रवण करते थे। शास्त्र कहते हैं कि तिथि के पठन और श्रवण से मां लक्ष्मी की कृपा मिलती है। तिथि का क्या महत्व है और किस तिथि में कौन से कार्य करान चाहिए या नहीं यह जानने से लाभ मिलता ह। पंचांग मुख्यतः पाँच भागों से बना है। ये पांच भाग हैं: तिथि, नक्षत्र, वार, योग और करण। यहां दैनिक पंचांग में आपको शुभ समय, राहुकाल, सूर्योदय और सूर्यास्त का समय, तिथि, करण, नक्षत्र, सूर्य और चंद्र ग्रह की स्थिति, हिंदू माह और पहलू आदि के बारे में जानकारी मिलती है।
नोटः आज प्रदोष व्रत है। प्रदोष व्रत पर विधि- विधान से भगवान शंकर की पूजा- अर्चना करने से व्यक्ति की सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं। प्रदोष व्रत में प्रदोष काल में पूजा का विशेष महत्व होता है। फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष का प्रदोष व्रत 28 फरवरी को पड़ रहा है। इस दिन सोमवार है और सोमवार को पड़ने वाले प्रदोष व्रत को सोम प्रदोष व्रत कहा जाता है।
विक्रमी संवत्ः 2079,
शक संवत्ः 1944,
मासः वैशाख़,
पक्षः शुक्ल,
तिथिः द्वादशी सांय 05.28 तक है,
वारः शुक्रवार,
नक्षत्रः हस्त सांय 06.48 तक है,
योगः वज्र अपराहन् 03.41 तक,।
विशेषः आज पश्चिम दिशा की यात्रा न करें। शुक्रवार को अति आवश्यक होने पर सफेद चंदन, शंख, देशी घी का दान देकर यात्रा करें।
करणः वणिज,
सूर्य राशिः मेष, चंद्र राशिः कन्या,
राहु कालः प्रातः 10.30 बजे से दोपहर 12.00 बजे तक,
सूर्योदयः 05.35, सूर्यास्तः 07.00 बजे।