प्रधानमंत्री का सपना, सरकार की हर योजनाओं का लाभ समाज के कमजोर वर्ग तक पहुंचे-कटारिया

कोरल ‘पुरनूर’, डेमोक्रेटिक फ्रंट, पंचकूला, 12 मई-

पूर्व केंद्रीय जल शक्ति व सामाजिक न्याय अधिकारिता मंत्री एवं अंबाला के सांसद रत्न लाल कटारिया ने बताया कि केंद्र सरकार ने 2021-22 में खाद्य सब्सिडी के लिए 294718 करोड़ रूपए जारी किये।

कटारिया ने कहा कि वर्ष 2021-22 के दौरान न्यूनतम समर्थन मूल्य के तहत खरीद कार्यों और प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्ना योजना (पीएमजीकेएवाई) तथा राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2013 (एनएफएसए) के अंर्तगत खाद्यान के निबार्ध वितरण के लिए खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग ने 2,92419.11 करोड़ रुपए के संशोधित अनुमान के मुकाबले डीसीपी और गैर-डीसीपी दोनो गतिविधियों के तहत भारतीय खाद्य निगम तथा राज्य सरकारों को खाद्य सब्सिडी के लिए 2,94,718 करोड़ रुपए जारी किए गए है।

उन्होंने बताया कि 2020-21 के दौरान जारी खाद्य सब्सिडी का लगभग 140 प्रतिशत और 2019-20 के दौरान उपलब्ध कराई गई खाद्य सब्सिडी का करीब 267 प्रतिशत है। उल्लेखनीय है कि वित्तीय वर्ष 2021-22 के दौरान खाद्य और सार्वजनिक वितरण  विभाग ने 3,04,889 करोड रुपए के शुद्ध आवंटन के मुकाबले 3,04,879 करोड रुपए खर्च करके 99 प्रतिशत व्यय हासिल किया है।

कटारिया ने कहा कि देश के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी का सपना है कि सरकार की हर योजनाओं का लाभ समाज के विभिन्न कमजोर वर्गों तक पहुंचे।  वित्तीय वर्ष 2021-22 के दौरान खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग ने अनुसूचित जातियों के लिए लगभग 24,000 करोड रुपए अनुसूचित जनजातियों हेतु 12,000 करोड रुपए और पूर्वोत्तर क्षेत्र को 400  करोड़ रुपए से अधिक धनराशि जारी कराई गई हैं।

कटारिया ने कहा कि कोरोना के दौरान महामारी से उत्पन्न चुनौतियों का समाधान करने के लिए भारत सरकार ने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (पीएमजीकेएवाई)के तहत 80 करोड़ से अधिक राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (एनएफएसए) के लाभार्थियों को प्रतिमाह 5 किलो की दर से अतिरिक्त खाद्यान्न उनकी मासिक पात्रता के अलावा भी मुफ्त में जारी किया गया है।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व में आवंटन अप्रैल 2020 से मार्च 2022 तक अब तक 5 चरणों में किया गया है। इसकी शुरुआत के बाद से इस योजना के तहत 2.60 लाख करोड़ रुपए के अनुमानित वृत्तीय खर्च के साथ कुल 758 लाख मैट्रिक टन खाद्यान्न आवंटित किया जा चुका है। पीएमजीकेएवाई को अब सितंबर 2022 तक बढ़ा दिया गया है, जिसमें लगभग 80,851 करोड़ रुपए की  अतिरिक्त वित्तीय लागत के साथ 244 लाख मैट्रिक टन खाद्यान्न का अधिक आवंटन शामिल किया गया है।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल के नेतृत्व में जिले के हर वर्ग में शामिल गरीब लोगो को कोरोना काल के दौरा

राशन हर घर तक पहुंचाया गया है। भारत सरकार ने चीनी उद्योग का सहयोग करने और चीनी मिलों को वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिए कई योजनाबद्ध हस्तक्षेप किए हैं, जिससे किसानों के गन्ना बकाया का भुगतान किया जा सके। इस दिशा में विभिन्न चीनी क्षेत्र की योजनाओं के तहत वित्तीय सहायता शामिल है।