पंजाब पुलिस ने किया किया खुलासा, मोहाली हमले के पीछे ‘रिंदा’
पंजाब के मोहाली में खुफिया विभाग के मुख्यालय पर सोमवार रात हुए हमले की जांच जारी है। आरपीजी (राकेट प्रोपेल्ड ग्रेनेड) इमारत की तीसरी मंजिल पर फायर हुआ, जो खिड़की तोड़ते हुए अंदर जा गिरा, लेकिन फटा नहीं। पुलिस ने मंगलवार सुबह नए सिरे से जांच शुरू की। उच्च स्तरीय बैठकों के बाद डीजीपी वीके भावरा ने बताया कि हमारे पास लीड है। जल्द ही केस सुलझा लिया जाएगा। अब तक की पड़ताल के मुताबिक, दो संदिग्ध सफेद रंग की स्विफ्ट डिजायर कार में पहुंचे और खुफिया कार्यालय की इमारत से करीब 80 मीटर की दूरी से आरपीजी लॉन्च किया। पुलिस को विस्फोट स्थल के करीब तीन मोबाइल फोन टावरों से करीब 7,000 मोबाइल फोन मिले हैं। 11 संदिग्धों को हिरासत में लिया गया है। इस बीच, मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा है कि जो लोग पंजाब का माहौल बिगाड़ने की कोशिश कर रहे हैं, उन्हें सख्त सजा दी जाएगी। पंजाब पुलिस के सूत्रों के मुताबिक पकड़े गए लोगों ने इस बात की पुष्टि की है कि उन्हें पाकिस्तान में बैठे आतंकी हरविंदर रिंदा और उनके आदमियों की ओर से ऐसे हमले करने के निर्देश मिले थे। सूत्रों का कहना है कि मोहाली स्थित इंटेलिजेंस मुख्यालय में हमले के पीछे पाकिस्तान में छिपे बैठे आतंकी हरिंदर सिंह रिंदा का ही हाथ है।
नई दिल्ली:/चंडीगढ़(ब्यूरो) डेमोक्रेटिक फ्रंट :
पंजाब पुलिस के खुफिया इकाई वाले मुख्यालय में सोमवार रात ग्रेनेड से हमला हुआ. इस हमले की जांच पुंजाब पुलिस कर रही है। अब इस मामले पर सूत्रों ने मंगलवार को समाचार पत्रकारों को बताया कि घटना की जांच कर रहे अधिकारियों को इस मामले में निश्चित सुराग मिला है। सूत्रों के अनुसार जांच कर्ताओं ने कुछ फोन नंबर की पहचान की है। पंजाब पुलिस से जुड़े सूत्रों का कहना है कि प्राथमिक तौर पर इसी बात की ओर इशारा हो रहा है कि हरविंदर सिंह रिंदा के कहने पर पंजाब में माहौल बिगाड़ा जा रहा है। खुफिया एजेंसियों के मुताबिक हरविंदर सिंह रिंदा इस वक्त पाकिस्तान में मौजूद है। रिंदा पर चंडीगढ़ पुलिस ने हत्या और हत्या के प्रयास के अलावा आर्म्स एक्ट के तहत कई मामले दर्ज किए हैं।
पंजाब पुलिस के सूत्रों के मुताबिक सोमवार शाम को मोहाली के खुफिया विभाग की तीसरी मंजिल पर हुए हमले में त्वरित कार्रवाई की गई है। इस मामले में कुछ लोगों को हिरासत में लिया गया है। पंजाब पुलिस के सूत्रों के मुताबिक पकड़े गए लोगों ने इस बात की पुष्टि की है कि उन्हें पाकिस्तान में बैठे आतंकी हरविंदर रिंदा और उनके आदमियों की ओर से ऐसे हमले करने के निर्देश मिले थे। सूत्रों का कहना है कि मोहाली स्थित इंटेलिजेंस मुख्यालय में हमले के पीछे पाकिस्तान में छिपे बैठे आतंकी हरिंदर सिंह रिंदा का ही हाथ है।
खुफिया सूत्रों और पुलिस के जुड़े अधिकारियों के मुताबिक यह हमला सिर्फ पंजाब में ही नहीं बल्कि देश के अलग-अलग इलाकों में भी करने की योजना बनाई गई थी। सूत्र बताते हैं कि करनाल में जो हथियारों से भरा जखीरा बरामद किया गया था और उसमें जिन लोगों को पकड़ा गया था, वे सभी लोग हरविंदर सिंह रिंदा के इशारे पर ही काम करते हैं। सूत्र बताते हैं कि पाकिस्तान से ड्रोन के जरिए फिरोजपुर में जो हथियार गिराए गए थे, उन्हीं हथियारों से मोहाली स्थित इंटेलिजेंस मुख्यालय पर हमला किया गया है। हालांकि इस पूरे मामले में अभी जांच एजेंसियां लगातार जांच कर रही हैं। पंजाब पुलिस ने जिन लोगों को हिरासत में लिया, उन लोगों से सख्ती से पूछताछ की जा रही है।
पंजाब पुलिस से जुड़े सूत्रों का कहना है कि प्राथमिक तौर पर इसी बात की ओर इशारा हो रहा है कि हरविंदर सिंह रिंदा के कहने पर पंजाब में माहौल बिगाड़ा जा रहा है। खुफिया एजेंसियों के मुताबिक हरविंदर सिंह रिंदा इस वक्त पाकिस्तान में मौजूद है। रिंदा पर चंडीगढ़ पुलिस ने हत्या और हत्या के प्रयास के अलावा आर्म्स एक्ट के तहत कई मामले दर्ज किए हैं। इसके अलावा हरविंदर सिंह रिंदा पर चंडीगढ़ पुलिस के थाना प्रभारी को जान से मारने की धमकी का भी मामला दर्ज है। फिलहाल हरविंदर सिंह रिंदा का परिवार महाराष्ट्र के नांदेड़ साहिब में शिफ्ट हो चुका है। लेकिन रिंदा का मूल जिला तरनतारन है। रिंदा के ऊपर तरनतारन में भी अपने रिश्तेदार की हत्या का आरोप है, इसके अलावा महाराष्ट्र के नांदेड़ साहिब में भी कई मामलों में वसूली और अन्य घटनाओं के मामले दर्ज है। पंजाब पुलिस के मुताबिक 2016 में दो मामले रिंदा के खिलाफ और दर्ज हुए थे जिसमें रिंदा को भगोड़ा घोषित कर दिया गया था।
पंजाब पुलिस के सूत्रों और खुफिया एजेंसियों से जुड़े अधिकारियों का कहना है कि करनाल में जो हथियार पकड़े गए थे, उसमें जिन चार लोगों को हिरासत में लिया गया था वह रिंदा के ही हैंडलर थे। जो रिंदा के कहने पर हथियारों की पूरी खेप को देश के अलग-अलग इलाकों में लेकर जा रहे थे। खुफिया एजेंसियों से जुड़े अधिकारियों का कहना है कि इस पूरे मामले में ड्रग्स की तस्करी को भी नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है। सूत्रों का कहना है कि पूरे मामले में महाराष्ट्र के कुछ बड़े ड्रग पेडलर भी शामिल हैं।