Thursday, November 28

सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव देवेंदर सिंह ने हरियाणा सरकार द्वारा भूजल स्तर को सुधारने की दिशा में की गई विभिन्न पहलों पर की चर्चा

यह कार्यशाला अटल भूजल और अन्य इनलाइन विभागों के जमीनी स्तर के कार्यकर्ताओं को एक साथ लाने में होगी सहायक – केशनी आनंद अरोड़ा

कोरल ‘पुरनूर’, डेमोक्रेटिक फ्रंट, पंचकूला, 23 अप्रैल:

विश्व बैंक मिशन के हरियाणा दौरे की कड़ी में अटल भूजल योजना की एक बहु-हितधारक राज्य स्तरीय कार्यशाला का आयोजन पंचकूला के सेक्टर 1 स्थित पीडब्ल्यूडी विश्राम गृह में किया गया।
इस कार्यशाला में सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग हरियाणा के अतिरिक्त मुख्य सचिव देवेंदर सिंह, सत्या प्रिया, कंट्री लीड (अटल भूजल योजना) – विश्व बैंक, श्रीमती केशनी आनंद अरोड़ा, अध्यक्ष, हयिाणा जल संसाधन प्राधिकरण ने विशेष रूप से शिरकत की।

इस अवसर पर सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव देवेंदर सिंह ने कार्यशाला को संबोधित करते हुए हरियाणा सरकार द्वारा भूजल स्तर को सुधारने की दिशा में की गई विभिन्न पहलों पर चर्चा की। उन्होंने भूजल प्रबंधन को बढ़ावा देने के लिए समुदाय-आधारित संस्थानों को मजबूत करने के साथ-साथ  जल उपयोग दक्षता में सुधार और भूजल पुनर्भरण को प्रोत्साहित करने पर बल दिया।   उन्होंने कहा कि अटल जल कार्यक्रम न केवल राज्य संस्थानों के निर्माण पर केंद्रित है, बल्कि राजकोषीय विकेंद्रीकरण की दिशा में भारत सरकार के कदम का भी समर्थन करता है। अटल जल योजना के तहत धन केंद्र सरकार से राज्यों को और वहां से उपयुक्त कार्यान्वयन स्तरों (जिलों, ब्लॉकों, ग्राम पंचायतों और लाभार्थियों) तक प्रवाहित किया जाता है।

अपने स्वागतीय भाषण में श्रीमती केशनी आनंद अरोड़ा, अध्यक्ष हयिाणा जल संसाधन प्राधिकरण ने कहा कि जल प्रबंधन पर यह कार्यशाला अटल भूजल और अन्य इनलाइन विभागों के जमीनी स्तर के कार्यकर्ताओं को एक साथ लाने के लिए आयोजित की गई है, जिनकी नीतियों को अभिसरण के माध्यम से अटल जल योजना में लाया जा सकता है। उन्होंने इस कार्यक्रम से लक्ष्य प्राप्ति के लिए सामुदायिक भागीदारी पर भी बल दिया।

कृषि विभाग के निदेशक हरदीप सिंह ने ‘मेरा पानी मेरी विरासत’ योजना के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि इस योजना के तहत किसानों को धान की फसल की बजाए गैर-धान फसलों को अपनाने पर 7000 रुपये प्रति हेक्टेयर प्रोत्साहन राशि दी जाती है। इस योजना के तहत सरकार फसल विविधीकरण को बढ़ावा देने के लिए अन्य फसलों के लिए एमएसपी भी सुनिश्चित करती है।
डॉ सतबीर सिंह कादियान, ईआईसी-कम-परियोजना निदेशक (अटल भूजल योजना – हरियाणा) – सिंचाई और जल संसाधन विभाग ने कार्यक्रम की उपलब्धियों के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि हरियाणा ने 1300 ग्राम पंचायतों की जल सुरक्षा योजना तैयार की है।

सत्य प्रिया, कंट्री लीड (अटल भूजल योजना) –

विश्व बैंक ने अटल जल हरियाणा टीम द्वारा किए गए प्रयासों की सराहना की। उन्होंने हरियाणा में भूजल की कमी को नियंत्रित करने के लिए विश्व बैंक से पूर्ण समर्थन का आश्वासन दिया। उन्होंने फील्ड टीम को बाजरा, तिलहन और दालों जैसी जल-संवेदनशील फसलों के अनुकूलन पर ध्यान केंद्रित करने का भी सुझाव दिया।

कार्यशाला में, अटल भूजल योजना के लिए एक तकनीकी सहायता एजेंसी पीपल्स साइंस इंस्टीट्यूट द्वारा तैयार किए गए कुल 8 मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) मैनुअल का अनावरण गणमान्य व्यक्तियों द्वारा किया गया। तकनीकी सहायता एजेंसी के समन्वयक डॉ अनिल गौतम और टीम लीडर श्री महेंद्र वाधवानी ने कहा कि ये एसओपी कुशल निगरानी और मूल्यांकन दृष्टिकोण को अपनाकर वांछित लक्ष्य प्राप्त करने में राज्य की मदद करेंगे।  

अटल भूजल योजना एक भागीदारी भूजल प्रबंधन योजना है जो केंद्र सरकार और विश्व बैंक द्वारा समर्थित है और हरियाणा सरकार द्वारा लागू की गई है। इस योजना का मुख्य उद्देश्य हरियाणा में भूजल संसाधनों का हाइड्रोजियोलॉजिकल डेटा नेटवर्क बनाना है। साथ ही, राज्य में भूजल संसाधनों के प्रबंधन के लिए सामुदायिक संस्थानों का निर्माण करना है।

इस अवसर पर कृषि विभाग के निदेशक श्री हरदीप सिंह, ईआईसी सह परियोजना निदेशक (अटल भूजल योजना – हरियाणा) डॉ सतबीर सिंह कादियान, सिंचाई और जल संसाधन विभाग के निदेशक श्री उमेश बालपाण्डे, अटल भूजल योजना सहित राज्य परियोजना प्रबंधन इकाई के तकनीकी विशेषज्ञ, 18 लाइन विभागों के विभागाध्यक्ष, 14 जिला नोडल अधिकारी और अन्य अधिकारी भी उपस्थित थे।

Comments are closed.