पंचांग, 31 दिसम्बर 2021
दैनिक पंचांग में आपको शुभ मुहूर्त, राहुकाल, सूर्योदय और सूर्यास्त का समय, तिथि, करण, नक्षत्र, सूर्य और चंद्र ग्रह की स्थिति, हिंदूमास एवं पक्ष आदि की जानकारी दी जाती है। हिन्दू कैलेंडर के अनुसार, कृष्ण पक्ष द्वादशी त्तिथि दिन है । सूर्य धनु राशि में और चन्द्रमा वृश्चिक राशि में संचरण करेंगे ।
नोटः: त्रयोदशी तिथि का क्षय है। आज प्रदोष व्रत तथा सुरूप द्वादशी व्रत है।
प्रदोष व्रत :- साल 2021 का समापन भगवान शिव की आराधना के उत्तम अवसर प्रदोष व्रत पर हो रहा है। साल 2021 का आखिरी प्रदोष व्रत आज आखिरी दिन 31 दिसंबर दिन शुक्रवार को है. यह शुक्र प्रदोष व्रत है, इसके करने से सभी भौतिक सुखों की प्राप्ति होती है और मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। प्रदोष व्रत के दिन भगवान शिव की पूजा प्रदोष काल में होती है। इस दिन भगवान शिव को भांग, बेलपत्र, धतूरा, मदार पुष्प, गंगाजल, गाय का दूध आदि अर्पित किया जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार हर मास की त्रयोदशी तिथि को भगवान शिव कैलाश पर नृत्य करते हैं, इसलिए उनको प्रसन्न करने के लिए प्रदोष व्रत रखा जाता है।
सुरूप द्वादशी व्रत :- धर्म ग्रंथों के अनुसार, पौष कृष्ण द्वादशी को सुरूप द्वादशी कहते हैं। इस दिन भगवान विष्णु के नारायण रूप की पूजा की जाती है। ऐसा करने से महायज्ञ करने जितना पुण्य मिलता है। इस द्वादशी के बारे में श्रीकृष्ण ने युधिष्ठिर को बताया था, जिसका वर्णन महाभारत के आश्वमेधिक पर्व में किया गया है। इस बार स्वरूप दवादाशी साल के अंतिम दिन यानी 31 दिसंबर, शुक्रवार को है।
विक्रमी संवत्ः 2078,
शक संवत्ः 1943,
मासः पौष़,
पक्षः कृष्ण पक्ष,
तिथिः द्वादशी प्रातः10.40, तक है,
वारः शुक्रवार।
विशेषः आज पश्चिम दिशा की यात्रा न करें। शुक्रवार को अति आवश्यक होने पर सफेद चंदन, शंख, देशी घी का दान देकर यात्रा करें।
नक्षत्रः अनुराधा रात्रि 10.04 तक है,
योगः शूल सांय काल 05.59 तक,
करणः तैतिल,
सूर्य राशिः धनु, चंद्र राशिः वृश्चिक,
राहु कालः प्रातः 10.30 बजे से दोपहर 12.00 बजे तक,
सूर्योदयः 07.18, सूर्यास्तः 05.28 बजे।