सागर सावरकर , प्रसन्ना राव के सदाबहार गीतों ने किया चंडीगढ़ के संगीत प्रेमियों को मंत्रमुग्ध

चंडीगढ़

 टैगोर थियेटर में त्रिलोकी नाथ फाउंडेशन द्वारा आयोजित एक सुरमई शाम में चंडीगढ़ के म्यूजिक प्रेमियों ने  डॉ  सुप्रिया जोशी, सागर सावरकर व  प्रसन्ना राव द्वारा गाए सदाबहार गीतों का लुफ्त उठाया। गायकों ने रात अकेली है  ……..आईए मेहरबान ……….
 प्यार करने वाले प्यार करते हैं शान से ……….
यह जिंदगी उसी की है ……….
आओ ना गले लगाओ ना ……….
 लग जा गले ………   के द्वारा शाम को रंगीन बना दिया । एक सुरमई शाम के आयोजक महेंद्र गुप्ता ने बताया उनके पिता त्रिलोकी नाथ की याद में पहली संगीतमय शाम का आयोजन किया गया। रोबिन अग्रवाल का मानना है कि संगीत बड़े से बड़े जख्मों को भर देता है इसलिए संगीत के जरिए चंडीगढ़ वासियों को एक सुकून भरी  सुरमई शाम के जरिये लंबे समय तक तरोताजा रखने का प्रयास है ।
सुरमई शाम के मुख्य अतिथि रोटेरियन मनमोहन सिंह ने आयोजकों व गायकों का आभार व्यक्त किया कि उन्हें एक ऐसी शानदार शाम का हिस्सा बनने का मौका मिला ।
डॉक्टर सुप्रिया जोशी ने बताया कि पंजाबियों का खाना उनका डांस प्रेम उनकी  आत्मीयता हमेशा से उन्हें आकर्षित करते रहे हैं ।
सागर सावरकर ने बताया कि सिटी ब्यूटीफुल के लोग म्यूजिक का पूरा लुत्फ उठाते हैं जिससे कलाकार को भी संतुष्टि मिलती है।
प्रसन्ना राव ने चंडीगढ़ की संगीत प्रेमियों की फरमाइश पर मोहम्मद रफी के सदाबहार नगमे सुना कर उन्हें कृतार्थ किया