राहुल के करीबी किर्ति आज़ाद और आशोक तंवर ममता की पार्टी में होंगे शामिल

पश्चिम बंगाल में लगातार तीसरी बार सत्ता हासिल करने वाली तृणमूल कांग्रेस ने देश भर में अपने विस्तार के लिए आक्रामक रणनीति तैयार कर ली है। इसका सबसे ज्यादा नुकसान कांग्रेस को ही उठाना पड़ रहा है, जिसने गोवा से बिहार, असम और त्रिपुरा तक में अपने नेताओं को खोया है। कांग्रेस के कई नामी चेहरे टीएमसी में शामिल हो गए हैं। अब तृणमूल कांग्रेस हरियाणा में भी कांग्रेस को बड़ा नुकसान पहुंचा सकती है। कांग्रेस के पूर्व सांसद और राहुल गांधी के करीबी अशोक तंवर आज यानी मंगलवार को दिल्ली में तृणमूल कांग्रेस में शामिल होंगे। समाचार एजेंसी एएनआई ने सूत्रों के हवाले से इसकी जानकारी दी है। बता दें कि इससे पहले सूत्रों के हवाले से एक और जानकारी सामने आई कि कांग्रेस नेता व पूर्व सांसद कीर्ति आजाद भी आज कांग्रेस का दामन छोड़कर तृणमूल कांग्रेस की सदस्यता ले सकते हैं। संभव है कि ममता बनर्जी की ही मौजूदगी में वह टीएमसी में शामिल होंगे।

सारिका तिवारी, नयी दिल्ली:

हाल ही में तंवर ने अपना भारत मोर्चा के नाम से अलग पार्टी का गठन किया था। अशोक तंवर कांग्रेस नेता राहुल गांधी के बेहद करीबी माने जाते थे और अजय माकन के बहनोई भी हैं। लेकिन बीते दिनों भूपिंदर सिंह हुड्डा और कुमारी शैलजा जैसे नेताओं के खिलाफ मोर्चा खोलने पर उनकी हाईकमान से बिगड़ गई थी और अंत में उन्होंने अनसुनी का आरोप लगाते हुए पार्टी ही छोड़ दी थी। अशोक तंवर हरियाणा के सिरसा से सांसद भी रहे हैं और इंडियन यूथ कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष भी रहे थे। लेकिन 2019 के आम चुनाव से ठीक पहले वह कांग्रेस से अलग हो गए थे। 

अशोक तंवर दिल्ली में ममता बनर्जी की मौजूदगी में पार्टी में शामिल हो सकते हैं। पश्चिम बंगाल की सीएम दो दिनों के दिल्ली दौरे पर आई हैं और इस दौरान वह पीएम नरेंद्र मोदी समेत कई नेताओं से मुलाकात करने वाली हैं। ममता बनर्जी के इस दिल्ली दौरे ने उनके और कांग्रेस के बीच बढ़ रही दूरी को स्पष्ट किया है। आमतौर पर दिल्ली आने पर वह कांग्रेस की अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात करती थीं, लेकिन इस बार उनका ऐसा कोई प्रोग्राम नहीं है। दूसरी तरफ वह कांग्रेस के ही कई नेताओं को पार्टी में शामिल करने वाली हैं। 

गोवा के चुनाव में टीएमसी के उतरने के फैसले और कांग्रेस लीडरशिप के खिलाफ टिप्पणियों ने दोनों दलों के बीच दूरी बढ़ा दी है। प्रशांत किशोर भी राहुल और प्रियंका गांधी को लेकर टिप्पणी कर चुके हैं। अब अशोक तंवर और कीर्ति आजाद की तृणमूल कांग्रेस में एंट्री से यह दूरी और बढ़ने की संभावना है। हरियाणा में अशोक तंवर की मजबूत पकड़ रही है। हालांकि राष्ट्रीय स्तर पर उनकी ज्यादा पहचान अब तक नहीं दिखी है। 

हालांकि बंगाल से बाहर देश के अन्य हिस्सों में विस्तार की कोशिशों में जुटी टीएमसी के लिए अशोक तंवर फायदेमंद साबित हो सकते हैं। बंगाल में बीजेपी को हराने के बाद से टीएमसी की महत्वाकांक्षाएं बढ़ गई हैं और अब वह त्रिपुरा, गोवा, बिहार, यूपी समेत कई राज्यों में विस्तार में जुटी है। हाल ही में उसने पूर्व रेल मंत्री और दिग्गज कांग्रेसी रहे कमलापति त्रिपाठी के बेटे और पोते को भी शामिल किया था।