आज शाम 4:30 पर देंगे मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा.
कैप्टन से नाखुश 40 विधायकों की चिट्ठी के बाद कांग्रेस हाईकमान ने बड़ा फैसला लिया। हाईकमान ने आज शाम 5 बजे चंडीगढ़ स्थित पंजाब कांग्रेस भवन में विधायक दल की बैठक बुला ली। पहले पंजाब कांग्रेस के प्रभारी हरीश रावत ने सोनिया गांधी से मुलाकात की थी। जिसके बाद रावत ने शुक्रवार आधी रात को सोशल मीडिया पर विधायक दल की मीटिंग के बारे में जानकारी दी है। इस मीटिंग में केंद्रीय पर्यवेक्षक के तौर पर अजय माकन और हरीश चौधरी भी मौजूद रहेंगे और पूरी रिपोर्ट तैयार कर हाईकमान को भेजेंगे।
- सूत्रों से मिल रही जानकारी के मुताबिक, कांग्रेस आलाकमान ने कैप्टन अमरिंदर सिंह को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के लिए कहा है। कैप्टन सीएम पद छोड़ने के साथ-साथ कांग्रेस पार्टी से भी इस्तीफा दे सकते हैं।
- सूत्रों से मिल रही जानकारी के मुताबिक, पंजाब कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष सुनील जाखड़ को कांग्रेस पार्टी पंजाब का नया मुख्यमंत्री बना सकती है।
- कैप्टन के प्रेस सेक्रेटरी ने ट्वीट कर कहा, “अगर कोई आपको धोखा देकर आश्चर्यचकित करता है, तो आपको अधिकार है कि आप भी उसे सही जवाब देकर चौंका दो।”
- अपने समर्थक विधायकों के साथ बैठक के लिए कैप्टन अमरिंदर सिंह चंडीगढ़ स्थित अपने सरकारी आवास पहुंचे हैं।
कॉंग्रेस का इतिहास है कि यह किसी भी मुखर नेता को सम्मानजनक विदाई नहीं देती, यहाँ त्यागपत्र दिये हे रूठे नेता को भी माना कर वापिस बुलाया जाता है और फिर बाहर का रास्ता दिखाया जाता है। कैप्टन ने इसी अंदेशे को नज़र में रखते हुए आज शाम 4:30 पर देंगे मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा।
पंजाब में कांग्रेस पार्टी में बड़ा उलटफेर होने की संभावना प्रबल हो गई है। कैप्टन अमरिंदर सिंह आज मुख्यमंत्री और कांग्रेस पार्टी दोनों से इस्तीफा दे सकते हैं। सूत्रों से मिल रही जानकारी के मुताबिक वह इसकी घोषणा अपने समर्थक विधायकों की बैठक के बाद कर सकते हैं। वहीं, आपको बता दें कि कांग्रेस आलाकमान के आदेश पर आज नवोज सिंह सिद्धू के समर्थक विधायकों की आज एक महत्वपूर्ण बैठक शाम पांच बजे बुलाई गई है। इस बैठक में अमरिंदर सिंह के खिलाफ एक प्रस्ताव पारित होने की संभावना है।
इससे पहले सूत्रों के हवाले से एनडीटीवी ने बताया है कि कैप्टन अमरिंदर सिंह की आज कांग्रेस आलाकमान सोनिया गांधी के साथ फोन पर बात हुई। इस दौरान उन्होंने कहा कि वह ऐसे अपमान के साथ पार्टी में नहीं रह सकते हैं। दोनों नेताओं की बातचीत के बाद कैप्टन के इस्तीफे के अटकलों को और हवा मिली है।
चंडीगढ़ में स्थित पंजाब कॉंग्रेस भवन में यह बैठक होगी वहीं दूसरी ओर कैप्टन ने भी अपने खेमे के विधायकों कि बैठक बुलाई है। लेकिन कैप्टन समर्थक बिट्टू और दूसरे मंत्री भी पंजाब भवन में देखे गए हैं। सूत्रों के अनुसार बाजवा कैप्टन समर्थकों को कैप्टन कि बैठा में न जाने के लिए प्रेरित कर रहे हैं, ओर अपने इस प्रयास में वह कामयाब होते भी दिखाई पद रहे हाँ। अभी अभी सिद्धू ओर नागरा केंद्र द्वारा भेजे गए पर्यवेक्षाओं को लिवाने गए थे। अजय माकन और हरीश चौधरी पर्यवेक्षक के तौर पर स्थिति कि समीक्षा करेंगे।
अब बड़ा सवाल यह हो गया है कि सम्मानजनक विदाई के लिए कैप्टन अमरिंदर सिंह इस्तीफा देंगे या फिर विधायक दल की बैठक में ही अविश्वास प्रस्ताव का सामना करेंगे। कैप्टन ने करीब 2 बजे अपने खेमे की बैठक बुलाई है और विधायकों को वहां आने को कहा है। हालांकि उनके खेमे के विधायक उनसे किनारा करने लगे हैं। कैप्टन के करीबी राजकुमार वेरका ने कहा कि वो शाम को CLP की बैठक में ही जाएंगे।
अमरिंदर के इस्तीफे के बाद पंजाब का नया सीएम बनाए जाने को लेकर तीन नामों पर चर्चा तेज हो गई है।
सुनील जाखड़ की सबसे मजबूत दावेदारी
पंजाब में कांग्रेस विधायक दल की महत्वपूर्ण बैठक से पहले पार्टी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सुनील जाखड़ के नाम को लेकर चर्चा तेज हो गई है। कहा जा रहा है कि पंजाब सीएम के तौर पर वह सबसे ज्यादा मजबूत दावेदार हैं। सुनील जाखड़ ने शनिवार को ट्वीट, ‘वाह राहुल गांधी, आपने बेहद उलझी हुई गुत्थी के पंजाबी संस्करण के समाधान का रास्ता निकाला है। आश्चर्यजनक ढंग से नेतृत्व के इस साहसिक फैसले ने न सिर्फ पंजाब कांग्रेस के झंझट को खत्म किया है, बल्कि इसने कार्यकर्ताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया है और अकालियों की बुनियाद हिला दी है।’
गांधी परिवार की खास, अंबिका सोनी को मिलेगा इनाम?
पंजाब कांग्रेस के महासचिव परगट सिंह ने बताया कि कि कैप्टन अमरिंदर सिंह को सीएम पद से हटने के लिए कहा गया है और अंबिका सोनी, सुनील जाखड़ और अन्य के नाम सीएम के लिए संभावित रूप से सामने आ रहे हैं, उन्होंने कहा कि सीएलपी की बैठक बुलाई गई है। बैठक में इन मुद्दों पर चर्चा होगी। पंजाब सीएम की दौड़ में अंबिका सोनी का नाम भी सामने आ रहा है। 13 नवंबर 1942 को लाहौर में जन्मी अंबिका सोनी गांधी परिवार की खास हैं। उन्होंने 1969 में इंदिरा गांधी के नेतृत्व में पार्टी जॉइन की थी। वह 1976 में पहली बार राज्यसभा सदस्य चुनी गईं। यूपीए सरकार में वह सूचना एवं प्रसारण मंत्री भी रहीं थीं।
इसलिए सिद्धू को नाराज नहीं करना चाहती कांग्रेस
कांग्रेस को लगता है कि सिद्धू अगर किसी प्रतिद्वंद्वी के साथ जुड़ते हैं, तो पार्टी को नुकसान पहुंचाने की मारक क्षमता रखते हैं, भले ही यह व्यक्तिगत रूप से उनकी बहुत मदद न करें। वह अकाली दल में शामिल नहीं हो सकते हैं, आम आदमी पार्टी निश्चित रूप से उनके लिए एक विकल्प है। आम आदमी पार्टी ने चुनाव प्रचार के लिए पहले से ही चुनाव प्रचार के लिए प्रशांत किशोर को काम दिया है। सिद्धू को पंजाब कांग्रेस का अध्यक्ष बनाया गया है लेकिन अमरिंदर से उनकी खींचतान कम नहीं हुई है। कहा जा रहा है कि सिद्धू पंजाब का सीएम बनना चाहते हैं। उनकी वजह से ही पंजाब में यह विवाद पैदा हुआ है। उन्हें सीएम बनाए जाने पर चर्चा हो सकती है।