लखनऊ के चारों तरफ के रास्तों का भी वही हाल होगा जो दिल्ली का हुआ है : टिकैत
किसान आंदोलन की तपिश जल्दी ही दिल्ली-गाजियाबाद से निकलकर यूपी की राजधानी लखनऊ तक पहुंचने वाली है, जी हां ऐसा हो सकता है इस बारे में संयुक्त किसान मोर्चा ने सोमवार को लखनऊ में प्रेस कांफ्रेस कर उत्तर प्रदेश सरकार को चुनौती दी है किसान नेता राकेश टिकैत ने मिशन उत्तर प्रदेश के तहत सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलने की बात कही है। राकेश टिकैत ने कहा लखनऊ को भी दिल्ली बना देंगे। लखनऊ के चारों तरफ के रास्तों का भी वही हाल होगा जो दिल्ली का हुआ है। हाल ही में किसान संघों ने चेतावनी जारी करते हुए कहा है कि वे स्वतंत्रता दिवस पर भाजपा नेताओं और मंत्रियों को राष्ट्रीय ध्वज नहीं फहराने देंगे।
- लखनऊ के प्रेस क्लब में संयुक्त किसान मोर्चा की प्रेसवार्ता
- यूपी और उत्तराखंड में आंदोलन शुरू करने जा रहा संयुक्त किसान मोर्चा
- मिशन यूपी और यूके के तहत किसानों की उठाई जाएगी आवाज़
लखनऊ(ब्यूरो):
अभी हाल ही में देश में युद्ध छेड़ने क धमकी देनेवाले किसान नेता राकेश टिकैत ने आज अपने आंदोलन के 8 महीने पूरे होने पर एक बार फिर भाजपा की राज्य सरकारों को धमकाया है। भाजपा नेताओं से मारपीट और उनकी गाड़ियों के साथ तोड़ फोड़ को जायज ठहराने वाले टिकैत ने अब 15 अगस्त पर भजपा नेताओं को तिरंगा नहीं फहराने देंने की बात भी अः है। सूत्रों की मानें तो बीकेयू कृषि क़ानूनों की आड़ में देश में गृह युद्ध की स्थिति लाना चाहता है।
टिकैत ने कहा कि 8 महीने आंदोलन करने के बाद संयुक्त मोर्चा ने फैसला किया है कि उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, पंजाब और पूरे देश में जाकर किसानों के सामने अपनी बात रखी जाएगी। इसकी तैयारी के लिए 5 सितंबर को मुजफ्फरनगर में बड़ी पंचायत की जाएगी।
ट्रैक्टर रैली निकालना बुरी बात नहीं
राकेश टिकैत ने हरियाणा में जींद के किसानों की तरफ से 15 अगस्त को ट्रैक्टर रैली निकालने की घोषणा का समर्थन किया है। टिकैत ने कहा कि ट्रैक्टर रैली निकालना कोई बुरी बात नहीं है। जींद के लोग क्रांतिकारी हैं। उन्होंने 15 अगस्त को ट्रैक्टर परेड करने का सही फैसला लिया है। देखते हैं कि संयुक्त किसान मोर्चा आगे क्या फैसला करता है।
उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद, हापुड़ और अमरोहा से किसानों के जत्थे विरोध स्थल पर पहुँचेंगे और 15 अगस्त को सड़कों पर ट्रैक्टर परेड करेंगे। उन्होंने कहा कि ट्रैक्टर परेड को राष्ट्रीय ध्वज के साथ देखना गर्व का क्षण होगा। इसे देशभक्ति की भावना और मजबूत होगी।
बता दें कि हाल ही मे किसान संघों ने ताजा चेतावनी जारी करते हुए कहा था कि वे स्वतंत्रता दिवस पर भाजपा नेताओं और मंत्रियों को राष्ट्रीय ध्वज नहीं फहराने देंगे। उन्होंने यह भी कहा कि पूरे हरियाणा में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन किया जाएगा। एक निजी चैनल से बात करते हुए एक किसान नेता ने कहा कि वे राज्य में ट्रैक्टर परेड निकालेंगे और भाजपा नेताओं को काले झंडे दिखाएँगे।
शनिवार (जुलाई 24, 2021) को भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने धमकी देते हुए कहा था, “किसान संसद से किसानों ने गूँगी-बहरी सरकार को जगाने का काम किया है। किसान संसद चलाना भी जानता है और अनदेखी करने वालों को गाँव में सबक सिखाना भी जानता है। भुलावे में कोई न रहे।”
पिछले दिनों भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने समानांतर संसद चलाने की धमकी दी थी। टिकैत ने यह धमकी आम आदमी पार्टी (AAP) सरकार द्वारा ‘किसानों’ को केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली के जंतर मंतर पर प्रदर्शन करने की अनुमति देने के बाद दी। वहीं, प्रदर्शन स्थल पर तथाकथित किसानों ने विरोध प्रदर्शन कवर करने गए मीडियाकर्मी पर लाठियों से हमला किया गया था।
इससे पहले टिकैत ने सरकार को धमकाया कि अगर इस बार कानून रद्द नहीं किया गया तो किसानों के ट्रैक्टर लाल किले के अलावा संसद का भी रास्ता जानते हैं। इसके अलावा, पंजाब के पटियाला में किसानों ने भारतीय जनता पार्टी के नेताओं पर हमला कर दिया था। भाजपा नेताओं ने पुलिस के इशारे पर किसानों के द्वारा मारपीट करने का आरोप लगाया।
26 जनवरी को ट्रैक्टर रैली में ही हुआ था बवाल
इस साल 26 जनवरी को ट्रैक्टर रैली की वजह से ही दिल्ली की सड़कों पर किसानों और पुलिसकर्मियों के बीच झड़प हुई थी। इस दौरान कुछ किसान ऐतिहासिक लाल किले में पहुँच गए थे और तिरंगे को गिरा कर वहाँ अपने धर्म का झण्डा लगा दिया था। इसके बाद टकराव बढ़ गया था।