पंचांग 05 जुलाई 2021
आषाढ़ कृष्ण पक्ष की एकादशी को योगिनी एकादशी कहा जाता है। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा करने से पापों से मुक्ति मिलती है। कहा जाता है कि अगर इस दिन उपवास रखा जाए और साधना की जाए तो हर तरह के पापों का नाश होता है। धार्मिक शास्त्रों के अनुसार, योगिनी एकादशी व्रत के प्रभाव से सुख-समृद्धि और शांति का घर में आगमन होता है। योगिनी एकादशी की कथा का फल 88000 ब्राह्मणों को भोजन कराने के बराबर है।
विक्रमी संवत्ः 2078,
शक संवत्ः 1943,
मासः आषाढ़,
पक्षः कृष्ण पक्ष,
तिथिः एकादशी रात्रिः 10.31 तक है।
वारः सोमवार,
नक्षत्रः भरणी दोपहर 12.12 तक हैं,
योगः वैधृति दोपहर 01.29 तक,
करणः बव,
सूर्य राशिः मिथुन,
चंद्र राशिः मेष,
राहु कालः प्रातः 7.30 से प्रातः 9.00 बजे तक,
सूर्योदयः05.32,
सूर्यास्तः07.19 बजे।
नोटः आज योगिनी एकादशी व्रत है।
विशेषः आज पूर्व दिशा की यात्रा न करें। अति आवश्यक होने पर सोमवार को दर्पण देखकर, दही,शंख, मोती, चावल, दूध का दान देकर यात्रा करें।