सावधानी से मनाएँ रामनवमी का उत्सवकोरोना गइडलाइन का पालन करें : जिलाधीश
पंचकूला 20 अप्रैल:
जिला में कल मनाये जा रहे रामनवमी के पावन त्यौहार के धार्मिक महत्व और कोविड-19 के मामलों में वृद्धि को देखते हुए जिलाधीश मुकुल कुमार ने एहतियात के तौर पर जिला में स्थित मंदिरों के लिये दिशा निर्देश व मानक संचालन प्रक्रिया जारी किये है।
जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अध्यक्ष के तौर पर जारी एक आदेश में श्री मुकुल कुमार ने कहा कि सभी को सामान्य सार्वजनिक स्वास्थ्य उपायों जैसे सामाजिक दूरी (2 गज की दूरी) तथा हर समय मास्क पहनने की आवश्यकता है। इसके अलावा पार्किंग स्थल में सामाजिक दूरी का पालन करते हुए उचित भीड़ प्रबंधन सुनिश्चित किया जायेगा।
उन्होंने कहा कि पूजा अर्चना के लिये किसी भी प्रकार की सामूहिक आरती, सभा व भीड़ की अनुमति नहीं दी जाएगी। केवल व्यक्तिगत प्रार्थना की अनुमति होगी। इसके अलावा धार्मिक स्थान पर और उसके आसपास प्रसाद, वितरण या पवित्र जल के छिड़काव आदि की अनुमति नहीं होगी। मंदिर प्रबंधन द्वारा नियमित रूप से मंदिर परिसर को सेनिटाईज किया जाएगा।
मुकुल कुमार ने कहा कि श्रद्धालुओं द्वारा हाथों को नियमित रूप से धोने व श्रद्धालुओं की थर्मल स्कैनिंग का प्रावधान सुनिश्चित किया जायेगा। सिविल सर्जन, पंचकूला को श्रद्धालुओं के रैपिड एंटीजन टेस्ट की रैंडम सैंपलिंग करवाने के निर्देश दिये गये है। उन्होंने कहा कि श्वसन शिष्टाचार जैसे खाँसते/छींकते समय मूंह व नाक को टिशू पेपर, रूमाल/फ्लेक्स कोहनी के साथ ढंकना तथा इस्तेमाल किए गए टिशू का उचित तरीके से निपटान किया जाना चाहिए। इसके अलावा थूकना सख्त वर्जित होगा और कोरोना उपयुक्त व्यवहार सख्ती से देखा जाएगा।
उन्होंने कहा कि भीड़ भाड़ को रोकने के लिए, मंदिर प्रबंधन को श्रद्धालुओं के लिए इस तरह से व्यवस्था करने की सलाह दी गई है कि रामनवमी महोत्सव के अवसर पर मंदिर में पूजा/प्रार्थना करने के लिए एक बार में 20 से अधिक व्यक्तियों को अनुमति नहीं दी जाये। मंदिर प्रबंधन श्रद्धालुओं के प्रवेश को विनियमित करने के लिए कूपन का उपयोग कर सकता है।
उन्होंने कहा कि नगर निगम आयुक्त पंचकूला, पुलिस उपायुक्त पंचकूला, संबंधित एसडीएम, ड्यूटी मजिस्ट्रेट-कम-इंसिडेंट कमांडर और ड्यूटी पर पुलिस अधिकारी इन आदेशों का कड़ाई से पालना करना सुनिश्चित करेंगे।
इन आदेशो की उल्लंघना करने पर अपराध के उपायों के लिए आईपीसी की धारा 188 के तहत कानूनी कार्रवाई के अलावा आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 की धारा 51 और 60 के तहत तत्काल अपराधिक मुकदमा दर्ज किया जायेगा।
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