मोब लिंचिंग के शिकार इन्स्पैक्टर की बेटी ने की सीबीआई जांच की मांग

अधिकारियों ने बताया कि मामले में आरोपियों को पकड़ने के लिए एक पुलिस टीम के साथ कुमार गांव में गए थे. यह मामला किशनगंज पुलिस थाने में दर्ज है. उन्होंने बताया किभीड़ ने उन्हें घेर लिया और उन पर हमला कर दिया था. इसके बाद पंजिपारा चौकी से पुलिसकर्मियों की एक टीम ने उन्हें भीड़ से छुड़ाया और इस्लामपुर सदर अस्पताल ले गई, जहां डॉक्‍टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया. पश्चिम बंगाल पुलिस ने इस घटना के सिलसिले में तीन लोगों को गिरफ्तार किया है. उनकी पहचान फिरोज आलम, अबुजर आलम और सहीनुर खातून के रूप में हुई है.

किशनगंज(बिहार)/ नयी दिल्ली :

बिहार के किशनगंज जिला के नगर थाना प्रभारी अश्विनी कुमार की शनिवार (अप्रैल 10, 2021) को पश्चिम बंगाल में हत्या के मामले में उनकी बेटी ने इसे षड़यंत्र करार देते हुए सीबीआई जाँच की माँग की है। वहीं उनकी पत्नी ने सर्किल इंस्पेक्टर पर केस दर्ज करने की माँग की है। 

मामले में किशनगंज के एसडीपीओ जावेद अंसारी ने बड़ा खुलासा करते हुए बताया कि SHO की हत्या करने वाले भीड़ को वहाँ की एक मस्जिद से बकायदा अनाउंस करके जुटाया गया था। एसडीपीओ के मुताबिक दो लोगों ने हल्ला कर पहले लोगों को बुलाया और फिर देखते ही देखते भीड़ जमा हो गई। एसडीपीओ ने कहा कि थानाध्यक्ष की हत्या करने के मामले में मस्जिद से ऐलान कर लोगों को इकट्ठा किया गया था कि चोर आ गए हैं, डाकू आ गए हैं जिसके बाद भीड़ ने थानेदार की पीट-पीटकर हत्या कर दी।

रविवार (अप्रैल 11, 2021) को किशनगंज थाना प्रभारी अश्विनी कुमार और उनकी माँ उर्मिला देवी का पूर्णिया जिले में उनके पैतृक गाँव में अंतिम संस्कार किया गया। रविवार को सुबह ही अश्विनी कुमार की 75 वर्षीया माँ उर्मिला देवी ने बेटे का शव देखते ही दम तोड़ दिया था। इसके बाद दोनों का अंतिम संस्कार कर दिया गया। इस दौरान शहीद अश्विनी अमर रहे के नारे से पूरा इलाका गूँज उठा।

मीडिया से बात करते हुए, अश्विनी कुमार की बेटी नैंसी ने अपने पिता की निर्मम हत्या के पीछे साजिश का आरोप लगाया। उन्होंने ऑपरेशन के दौरान अपने पिता के साथ अन्य अधिकारियों की भूमिका पर आशंका जताई। उसने सवाल किया कि जब उनके पिता को मार डाला गया, तो बाकी लोग सुरक्षित वापस कैसे आ गए। उन्हें एक खरोंच भी नहीं आई। नैंसी ने सीबीआई जाँच की माँग की है।

नैंसी ने रोते हुए कहा, “यह एक साजिश है और मैं सीबीआई जाँच की माँग करती हूँ। उन्होंने बंदूकें होने के बावजूद मेरे पिता को अकेला छोड़ दिया। न केवल सर्किल इंस्पेक्टर मनीष कुमार, बल्कि भागने वाले सभी लोगों को दंडित किया जाना चाहिए। मेरे पिता की मृत्यु के बाद मेरी दादी भी सदमे से मर गईं।”

अश्विनी कुमार की पत्नी मीनू स्नेहलता ने किशनगंज के सर्किल इंस्पेक्टर मनीष कुमार समेत अन्य के खिलाफ केस दर्ज करने की माँग की है। पुलिस को दिए आवेदन में उन्होंने कहा कि उन्हें पूरा विश्वास है कि उनके पति की निर्मम हत्या में मनीष कुमार का हाथ है। छापेमारी के दौरान मनीष कुमार ने जो लापरवाही और कर्तव्यहीनता दिखाई, उसे पुलिस प्रशासन ने भी माना और उन्हें तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया। इसने साबित कर दिया कि इस हत्याकांड में मनीष कुमार निश्चित रूप से संदेह के घेरे में है। मीनू ने मनीष को अपनी सास की हत्या के लिए भी अप्रत्यक्ष रूप से मनीष कुमार को जिम्मेदार ठहराया है।

अश्विनी कुमार के स्वजनों को पूर्णिया प्रक्षेत्र के सभी पुलिसकर्मियों ने एक दिन का वेतन (करीब 50 लाख रुपए) और आईजी ने 10 लाख देने की घोषणा की। वहीं मुख्यमंत्री ने पीड़ित परिवार को हरसंभव मदद देने की बात कही। इसके साथ ही अनुकंपा पर घर के एक व्यक्ति को नौकरी देने की भी घोषणा की गई है। अश्विनी की बड़ी बेटी जहाँ बदहवास स्वजनों को सँभालने की कोशिश कर रही थी वहीं उनकी सबसे छोटी बेटी और बेटा सबसे बार- बार यही पूछ रहे थे कि पापा उठ क्यों नहीं रहे। बता दें कि इस मातम की वजह से गाँव में किसी के भी घर में दो दिनों तक चूल्हा नहीं जला।

प्रखंड क्षेत्र में रविवार को जगह-जगह श्रद्धांजलि दी गई और हत्यारे की जल्द से जल्द गिरफ्तारी की माँग की गई। इस मामले में अब तक पश्चिम बंगाल से पाँच जबकि बिहार से तीन लोगों की गिरफ्तारी की गई है। मस्जिद से अनाउंस कर भीड़ इकट्ठा करने के मामले में पुलिस ने मास्टरमाइंड फिरोज और इजराइल थे जिनको भी पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। इससे पहले शनिवार को पुलिस ने मुख्य अभियुक्त फिरोज आलम ,अबुजार आलम और सहीनुर खातून की गिरफ्तारी की थी।

ये घटना पश्चिम बंगाल के उत्तर दिनाजपुर के गोलपोखर पुलिस स्टेशन इलाके के गाँव पांतापारा में हुई। किशनगंज थाने के एसएचओ अश्विनी कुमार दलबल के साथ बाइक चोरी को पकड़ने बंगाल के पांतापाड़ा गाँव छापेमारी करने गए थे। भीड़ ने पुलिसकर्मियों पर जानलेवा हमला कर खदेड़ा। थानाध्यक्ष को घेर लिया और पीट-पीटकर हत्या कर दी थी। आरोप है कि पश्चिम बंगाल की पुलिस ने सूचना के बावजूद बिहार पुलिस की टीम का कोई सहयोग नहीं किया।

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