कॉंग्रेस के दिग्गज नेता मोती लाल वोहरा नहीं रहे, वह 93 वर्ष के थे

साल 2020 जाते जाते कॉंग्रेस पार्टी विशेषकर गांधी परिवार को व्यतिगत क्षति देता हुआ जा रहा है। 24 नवंबर को पार्टी और गांधी परिवार के संकटमोचन माने जाने वाले अहमद पटेल का निधन हुआ था, ओर आज महीना भी नहीं बीता था कि आज मोतीलाल वोहरा के निधन का दु:खद समाचार मिला रहल गांधी ने दु:ख प्रगत करते हुए दिवंगत आत्मा को श्रद्धांजलि दी।

नयी दिल्ली(ब्यूरो):

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मोतीलाल वोरा का 93 साल की उम्र में सोमवार को निधन हो गया. खराब सेहत की वजह से मोतीलाल वोरा का दिल्ली के फोर्टिस एस्कॉर्ट हॉस्पिटल में इलाज चल रहा था. बता दें कि कल ही उनका जन्मदिन भी था.

बताया जा रहा है कि मोतीलाल वोरा को दो दिन पहले ही अस्पताल में भर्ती कराया गया था. इससे पहले वो कोविड-19 से भी संक्रमित हुए थे. उस वक्त उनका इलाज एम्स, दिल्ली में किया गया था. इलाज के बाद वो ठीक हो गए थे और अस्पताल से डिस्चार्ज हो चुके थे.

उनके निधन पर कांग्रेस के तमाम नेताओं ने अपना दुख प्रकट किया है. राहुल गांधी ने अपने ट्वीट में लिखा, “वोरा जी एक सच्चे कांग्रेसी और अद्भुत इंसान थे. हम उन्हें बहुत मिस करेंगे. उनके परिवार और दोस्तों को मेरा प्यार

मोतीलाल वोरा मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री और उत्तर प्रदेश के राज्यपाल भी रह चुके हैं. मोतीलाल वोरा गांधी परिवार के बेहद करीबी थे. मोतीलाल वोरा लंबे समय तक कांग्रेस में कोषाध्यक्ष की जिम्मेदारी संभालते रहे थे. लेकिन साल 2018 में बढ़ती उम्र का हवाला देते हुए राहुल गांधी ने मोतीलाल वोरा से कोषाध्याक्ष की जिम्मेदारी लेकर अहमद पटेल को दे दी थी. हालांकि अब उनका भी निधन हो चुका है.

आपको बता दें कि राजनीति में आने से पहले मोतीलाल वोरा एक पत्रकार की भूमिका निभा रहे थे. मोतीलाल वोरा ने लंबे समय तक कांग्रेस पार्टी के संगठन में काम किया. वह गांधी परिवार के वफादार माने जाते थे. 1993 में मोतीलाल वोरा ने उत्तर प्रदेश के गवर्नर के तौर पर जिम्मेदारी संभाली थी और 3 साल तक वह यूपी के राज्यपाल थे. इसके अलावा वोरा केंद्र सरकार में कैबिनेट मंत्री का दर्जा भी संभाल चुके हैं.

बता दें कि 2019 के लोकसभा चुनावों के परिणाम आने के बाद जब पार्टी की हार की जिम्मेदारी लेते हुए राहुल गांधी ने कांग्रेस के अध्यक्ष पद से अपना इस्तीफा दे दिया था तो उसके बाद मोतीलाल वोरा के भी अंतरिम अध्यक्ष बनाए जाने की काफी चर्चा हुई थी. हालांकि अंत में उस पद की जिम्मेदारी सोनिया गांधी को दी गई.

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